हरियाणा तालाब एवं अपजल प्रबंधन प्राधिकरण के तीन सदस्य अब 68 साल तक सेवाएं देंगे। सरकार ने कार्यकारी उपाध्यक्ष, तकनीकी सलाहकार व सदस्य सचिव के कार्यकाल की आयु सीमा को बढ़ाकर 68 वर्ष कर दिया है। अभी यह 65 वर्ष है। गजट अधिसूचना जारी होते ही नई आयु सीमा लागू हो जाएगी। इसके लिए मंगलवार को विधानसभा में हरियाणा तालाब एवं अपजल प्रबंधन प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 को चर्चा के बाद पारित कराया। प्राधिकरण के कार्यकारी उपाध्यक्ष का कार्यकाल बीते माह पूरा हो रहा था। वह तीन साल तक और पद पर बने रहें, इसलिए सरकार पहले अध्यादेश लाई।
मंगलवार को संशोधन विधेयक सदन में पास कराया। इसके लिए मंगलवार को सरकार ने विधानसभा में हरियाणा तालाब एवं अपजल प्रबंधन प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 को चर्चा के बाद पारित कराया।
कांग्रेस ने संशोधन विधेयक व इसी मामले में बीते 23 नवंबर को लाए गए अध्यादेश को लेकर सवाल उठाए। जब सदन में सरकार घिरने लगी तो सीएम मनोहर लाल को खुद मोर्चा संभाला।
बीते माह प्राधिकरण के कार्यकारी उपाध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा था। वह तीन साल तक और पद पर बने रहें, इसलिए सरकार पहले अध्यादेश लाई और मंगलवार को संशोधन विधेयक सदन में पास कराया। कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी ने इसका विरोध किया।
क्यों बढ़ाया कार्यकाल?
उन्होंने कहा कि प्राधिकरण के सदस्यों का कार्यकाल नहीं बढ़ना चाहिए। इन्होंने कोई ऐतिहासिक काम नहीं किया। तीन साल तक प्राधिकरण तालाबों को साफ करने की नीति तक नहीं बना पाया। हाईकोर्ट के जज 62, सुप्रीम कोर्ट के 65 की आयु में सेवानिवृत्त हो जाते हैं। फिर इन सदस्यों का कार्यकाल 68 वर्ष की आयु तक क्यों किया जा रहा है।
सरकार कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से घटाकर 58 कर चुकी है। विधायक बीबी बत्रा व गीता भुक्कल ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है। प्राधिकरण की बैठकों में विधायकों को भी शामिल किया जाए।
बढ़ाई तालाबों के नवीनीकरण की अवधि
मुख्यमंत्री ने कहा कि तालाबों के नवीनीकरण कार्य में लगे विशेषज्ञों का कार्यकाल बढ़ाना आवश्यक है। इससे प्राधिकरण के काम में भी कोई व्यवधान नहीं पड़ेगा। कांग्रेस के समय में भी ऐसे अनेक काम हुए हैं। तालाब प्राधिकरण द्वारा 18000 तालाबों का नवीनीकरण किया जाएगा।
इनमें से 550 तालाबों की योजना पूरी तरह से तैयार कर ली गई है। कई तालाबों पर तो निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। सभी तालाबों को नया स्वरूप देने में करीब 7 से 8 साल लगेंगे। गिरते भू-जल स्तर को सुधारने में भी तालाबों का नवीनीकरण एवं निर्माण कार्य कारगर साबित होगा। कई क्षेत्रों को सेम की समस्या से भी निजात मिलेगी।