जैसा कि आपको पता हो है कि पिछले एक साल से किसान आंदोलन चल रहा था, जिस वजह से सभी टोल प्लाजा बंद थे और जो भी लोग वहा से आवाजाही कर रहे थे उन्हे कोई भी टोल टैक्स नहीं देना पड़ रहा था। लेकिन अब किसान आंदोलन खत्म हो चुका है, और सारे टोल प्लाजा भी खुल चुके है। लेकिन अब भी हरियाणा के इस जिले के टोल प्लाजा पर टैक्स नही लिया जा रहा। जानिए क्या है वजह।
आपको बता दे हरियाणा के जींद जिले में खटकड़ टोल प्लाजा को किसानों के बाद अब चूहों ने टोल फ्री करा दिया है। चूहों की वजह से हरियाणा का यह टोल शुरू नहीं हो पाया है। किसी भी व्यक्ति को टोल नही चुकाना पड़ रहा। लोगों के टोल चुकाने से राहत मिली हुई है।
आपको बता दे, जींद में स्थित यह टोल प्लाजा किसान आंदोलन खत्म होने के बाद भी शुरू नहीं हो पाया है। इस टोल को खाली कर आंदोलन में बैठे किसान 16 दिसंबर को वापस चले गए थे। पिछले एक साल के दौरान ये किसान टोल पर बैठे हुई थे। अब आप यह जानना चाहते होंगे कि चूहों की वाकहंसे यह बंद क्यों है।
बताया जा रहा है कि यह चूहों की वजह से इसलिए बंद है क्योंकि आंदोलन के दौरान चूहों ने खटकड़ टोल प्लाजा की तारे काट दी है। यह वजह है जिससे टोल प्लाजा शुरू नही हो पाया है। वहीं टोल मैनेजर ने बताया एक या दो दिन में इस टोल की फिर से शुरू होने की उम्मीद है। फिलहाल वायरिंग का कार्य किया जा रहा है।
अब आपको एक और चीज बता दे, किसान आंदोलन के बाद अब टोल माफ करने को लेकर हिसार का रामायण टोल प्लाजा भी बंद हो गया है। टोल प्लाजा पर किसानों व ग्रामीणों ने डेरा डाल रखा है। उनकी मांग यह है कि पांच टोल फ्री गांवों के साथ देपल व भगाना को जोड़ा जाए। इसके अलावा किसानों का झंडा लगे वाहनों का भी टोल टैक्स माफ किया जाए।
टोल प्लाजा के आसपास के गांवों के किसान मंगलवार सुबह टोल पर एकत्रित हुए व अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। किसानों ने कहा कि जब तक रामायण, ढंढेरी, मय्यड़, खरड़ व अलीपुर के साथ देपल व भगाना का टोल फ्री नहीं किया जाता, तब तक धरने पर रहेंगे। किसानों का झंडा लगे वाहनों को भी टोल प्लाजा से गुजरने दिया जाए।