आज कल लगभग हर कोई जोमैटो और स्विगी जैसे ऑनलाइन ऐप-आधारित फूड डिलिवरी प्लेटफार्मों का इस्तेमाल कर रहा है। ज्यादातर लोग जिनके पास खाना बनाने का समय नहीं है वे इन ऐप्स के जरिए खाना ऑर्डर करते हैं। लेकिन अब ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना लोगों के लिए महंगा होने जा रहा है। जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक में फूड-डिलिवरी कंपनियों को टैक्स के दायरे में लाने का फैसला किया था।
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इन फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म को उनके जरिए दी जाने वाले रेस्टोरेंट सर्विस पर जीएसटी देना होगा।

इस टैक्स को ऑर्डर की डिलीवरी के स्थान पर वसूला जाएगा। वहीं, कार्बोनेटेड फ्रूट ड्रिंक्स और जूस पर 28% के साथ 12% जीएसटी लगेगा। सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय 1 जनवरी 2022 से लागू हो जाएगा।
ग्राहक हुए परेशान

जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर आई, कई यूजर्स इस फैसले से परेशान नजर आए। ग्राहकों को इस बात का डर है कि उन्हें नए जीएसटी नियम के तहत डिलिवरी के लिए अधिक भुगतान करना होगा। हालांकि, जल्द ही यह स्पष्ट कर दिया गया कि इस कदम का अंतिम उपभोक्ताओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है। लेकिन कई आइटम के टैक्स रेट में बढ़ोतरी की गई है।
ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा असर

बता दें कि ग्राहकों से एक्स्ट्रा टैक्स नहीं वसूला जाएगा और न ही सरकार द्वारा किसी नए टैक्स की घोषणा की गई है। पहले कर रेस्तरां द्वारा देय था, अब रेस्तरां के बजाय कर एग्रीगेटर द्वारा देय होगा।

मान लिजिए कि आपने किसी ऐप से खाना मंगाया। अभी इस ऑर्डर पर रेस्टोरेंट आपसे पैसे लेकर टैक्स दे रहा है। लेकिन हमने पाया कि कई रेस्टोरेंट अथॉरिटी को टैक्स नहीं दे रहे थे। ऐसे में अब हमने ये किया है कि आपके खाना ऑर्डर करने फूड एग्रीगेटर ही कंज्यूमर से टैक्स लेकर अथॉरिटी को देगा, न कि रेस्टोरेंट।

इस तरह कोई नया टैक्स नहीं लगा है। वहीं, वित्त मंत्री ने कहा कि फूड डिलिवरी ऐप swiggy व zomato से खाना मंगाने पर अतिरिक्त टैक्स लगाने की कोई बात नहीं है। ये ऐप वही टैक्स वसूलेंगे जो रेस्टोरेंट कारोबार पर लगता है।
खाने-पीने के ये सामान होंगे महंगे

बता दें कि खाने-पीने के सामान में कार्बोनेटेड फ्रूट ड्रिंक महंगा हुआ है। इस पर 28% का GST और उसके ऊपर 12% का कंपनसेशन टैक्स लगेगा। इससे पहले इस पर केवल 28% का GST लग रहा था। इसके अलावा आइसक्रीम खाना भी महंगा हो जाएगा। इस पर 18% टैक्स लगेगा। मीठी सुपारी और कोटेड इलायची अब महंगी पड़ेगी। इस पर 5% GST लगता रहा था जो अब 18% हो गया है।