जैसा की आप सभी को पता ही है कि हरियाणा में ज्यादातर लोग बसों से सफर करते हैं। और हम देखते हैं कि हरियाणा रोडवेज पूरे दिन चलती ही रहती है। उसके ड्राइवर और कंडक्टर को शायद आराम करने तक का भी वक्त नहीं मिलता। इन्हीं चीजों को लेकर प्रशासन ने एक अहम फैसला लिया है, जो आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताने वाले हैं।
आपको बता दें पंजाब एंड हाई कोर्ट में जस्टिस अरुण मोंगा ने एक याचिका को लेकर फैसला किया है कि हरियाणा रोडवेज के चालकों को 5 घंटे की ड्राइविंग के बाद आधे घंटे का आराम भी दिया जाए।
बता दे, रोडवेज वाहन चालको की मानसिक एवं शारीरिक थकान से सड़क दुर्घटनाएं हो सकती हैं। तो इससे बचने के लिए आराम जरूरी है। उन्होंने कहा कि चालको से सप्ताह में सिर्फ 48 घंटे ही काम लिया जाए, इससे ज्यादा काम ना लिया जाए।
किसी विषय पर हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर प्रदीप की तरफ से हाई कोर्ट में याचिका दायर पर 20 नवंबर 2018 के प्रशासनिक आदेशों को खारिज करने की मांग की गई थी। हरियाणा रोडवेज ने कोर्ट में कहा कि ओवरटाइम खर्च को कम करने के लिए प्रशासन आदेश जारी किए है।
आपको बता दे, रोडवेज ने 12 घंटे काम करने वाले कर्मचारियों को आराम देने के लिए एक्स्ट्रा स्टाफ उपलब्ध कराने को लेकर भी सभी डिपो को पत्र लिखा है। कर्मचारियों से हफ्ते में केवल 48 घंटे ही काम लिया जाए। अगर उससे ज्यादा काम लिया जाता है तो उन्हें एक सप्ताहिक अवकाश व 2 दिन वर्क रेस्ट दिया गया है। 5 घंटे के बाद आराम का नियम भी लागू है।