इस आधुनिक दुनिया में हर चीज का विकास हो रहा है पहले गाड़िया केवल पेट्रोल डीजल से ही चलती थी अब ऐसी भी गाड़िया मार्केट में आ चुकी हैं जो बिजली, सीएनजी से चलती हैं। लेकिन अब सड़कों पर ऐसी भी गाड़िया दौड़ेंगी जो उपरोक्त किसी भी ईंधन या गैस से नहीं बल्कि एक नए प्रकार के ईंधन से चलेंगी। अब गाड़ी या बाइक चलाने के लिए डीजल और पेट्रोल की जरूरत जल्द ही खत्म होने वाली है। कुछ ही महीनों में सड़कों पर ऐसी गाड़ियों की भरमार हो जाएगी जो डीजल-पेट्रोल से नहीं बल्कि इथेनॉल से चलेंगी। यह इन ईंधनों के मुकाबले करीब 40 रुपये लीटर सस्ता पड़ेगा और इससे प्रदूषण भी कम होगा। सरकार ने इसके लिए कार कंपनियों को तैयारियां करने के लिए कह दिया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सरकार ने फ्लेक्स फ्यूल इंजन वाली गाड़ियों को लेकर एडवाइजरी जारी की है। इसमें वाहन कंपनियों को छः महीने के अंदर फ्लेक्स फ्यूल इंजन वाली गाड़ियां को मार्किट में लॉन्च करने को कहा गया है। उन्होंने बताया फ्लेक्स फ्यूल इंजन से लैस होने के बाद गाड़ियां एक से अधिक किस्म के ईंधनों पर चलाई जा सकेंगी।
उन्होंने बताया की फ्लेक्स फ्यूल इंजन आने के बाद 100 फीसदी इथेनॉल से भी गाड़ियों को चला पाना संभव हो जाएगा। इस बदलाव से पर्यावरण के साथ-साथ लोगों की जेब पर आया भार भी कम होगा। अभी डीजल और पेट्रोल देश के कई हिस्सों में 100 के पार है, जबकि इथेनॉल की कीमत अभी मात्र 63.45 रुपये प्रति लीटर है।
गाड़ी से चलने का खर्च हो जाएगा कम
इस तरह यह डीजल और पेट्रोल से प्रति लीटर करीब 40 रुपये सस्ता है। यह पेट्रोल के मुकाबले प्रदूषण भी 50 फीसदी तक कम फैलाता है। हालांकि इथेनॉल यूज करने पर माइलेज कुछ कम हो जाती है, लेकिन इसके बाद भी हर लीटर पर इफेक्टिव एवरेज बचत 20 रुपये के आस-पास बैठती है।
जल्द सड़कों पर दौड़ेंगी कारें
नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि कुछ कंपनियां पहले ही फ्लेक्स फ्यूल इंजन वाली गाड़ियां बनाने लगी हैं, जबकि कई अन्य कंपनियों ने जल्दी ही इसे अपनाने की सहमति दी है। भारत में सबसे पहले टीवीएस ने 2019 में फ्लेक्स फ्यूल इंजन पेश किया था। कंपनी ने टीवीएस अपाचे बाइक में फ्लेक्स फ्यूल इंजन देकर इसकी शुरुआत की। इसके अलावा टीवीएस मोटर्स और बजाज ऑटो ने थ्री-व्हीलर्स को भी फ्लेक्स फ्यूल इंजन के साथ पेश किया है।
अगले छः महीनों में होगी लॉन्चिंग
Toyota, Maruti Suzuki और Hyundai जैसी कंपनियां फ्लेक्स फ्यूल इंजन वाली गाड़ियां लाने की सहमति पहले ही दे चुकी हैं। सरकार की ताजा एडवाइजरी के बाद अब सभी कंपनियों को इस दिशा में बढ़ना होगा। अत: आने वाले छः महीनों में कई ऐसी गाड़ियों की लॉन्चिंग हो सकती है, जो पेट्रोल के साथ इथेनॉल से भी चल पाएंगी।
ऐसे बनता है यह फ्यूल
इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इथेनॉल का उत्पादन वैसे तो गन्ने से होता है। इसे पेट्रोल में मिलाकर 35 फीसदी तक कार्बन मोनोऑक्साइड कम किया जा सकता है।
इथेनॉल ब्लेंडिंग वाले पेट्रोल से आम आदमी को भी बड़ा फायदा होगा। इथेनॉल से चलने वाली गाड़ी पेट्रोल के मुकाबले बहुत कम गर्म होता है। इथेनॉल में अल्कोहल जल्दी उड़ जाता है, जिसके चलते इंजन जल्द गर्म नहीं होता है।