हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्राकृतिक खेती धीरे-धीरे समय की जरूरत बनती जा रही है। इस पद्घति से कम कृषि आदान व कम लागत के साथ किसान जैविक पैदावार बढ़ा सकता है और अपनी आय में भी वृद्घि कर सकता है। मुख्यमंत्री ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसी विशेष क्षेत्र का चिन्हित करे और इस पर शीघ्र ही एक कार्यशाला का आयोजन करवाया जाए ताकि किसानों को प्राकृतिक खेती के लाभों के बारे में जानकारी दी जा सके।
मुख्यमंत्री आज चण्डीगढ़ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के 10 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को 20 हजार करोड़ से अधिक की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की दसवीं किश्त किसानों के खाते में सीधा हस्तांतरित किए जाने के अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए राष्ट्र के नाम सम्बोधन से जुड़े।

प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में प्राकृतिक खेती, जैविक खेती, किसान उत्पादन समूह, आत्मनिर्भर किसान, जैविक उर्वरक की उत्पादकता तथा स्वस्थ धरती पर अधिक ध्यानकेन्द्रित किया।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री के सम्बोधन के प्रेरित होकर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक हरदीप कुमार को यह निर्देश दिए और कहा कि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत प्राकृतिक खेती व जीरो बजट खेती पर पहले से ही कार्य करते आ रहे है।

प्रधानमंत्री के साथ विडियो कॉन्फ्रसिंग में हरियाणा, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक व त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त, कृषि भवन, नई दिल्ली से केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के अलावा तथा कई राज्यों के किसान उत्पादन समूह के प्रतिनिधि भी जुड़े और उन्होंने अपने अनुभव सांझा किए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस. ढेसी, उप-प्रधान सचिव अशिमा बराड़, संसाधन सृजन प्रकोष्ठ प्रभारी योगेन्द्र चौधरी भी उपस्थित थे।