हरियाणा सीएम फ्लाइंग स्क्वायड की विशेष टीमों द्वारा अनियमितताओं व अनाधिकृत गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए 2021 में की गई कार्यवाही के तहत 554 स्थानों पर अचानक रेड कर 242 मामले दर्ज करते हुए 340 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि इन छापेमारी में कुल 13.89 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना व अन्य सामान बरामद किया गया है। आरोपी व्यक्तियों द्वारा की जा रही विभिन्न अनियमितताओं की सूचना मिलने के बाद राज्य भर में अचानक छापे मारे गए थे।
सीएम फ्लाइंग स्क्वायड द्वारा मुख्य रूप से खादय पदार्थों में मिलावट व नकली उत्पादों के निर्माण की जांच व अवैध शराब, नकली कॉल सेंटर, जीएसटी धोखाधड़ी, बिजली चोरी, घरेलू गैस सिलेंडर और ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी, अवैध खनन, नशीले पदार्थों की तस्करी, ओवरलोड वाहनों की जांच, ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करने में अनियमितताएं आदि से संबंधित छापेमारी की गई।
दर्ज किए गए कुल मामलों में से 124 की गहन जांच चल रही है, जबकि 118 प्राथमिकी में चालान संबंधित अदालतों में दिये जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि सीएम फ्लाइंग स्क्वायड एक प्रमुख एजेंसी है जो ADG CID आलोक मित्तल के समग्र पर्यवेक्षण और नियंत्रण में काम कर रही है।
मिलावटखोर रहे निशाने पर
प्रवक्ता ने आगे बताया कि मिलावटी और नकली उत्पादों के निर्माण पर रोक लगाने के लिए उड़न दस्ते की टीमों ने 107 स्थानों पर छापेमारी की और इस संबंध में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया। छापेमारी में 3.64 करोड़ रुपये से अधिक की जुर्माना राशि सहित अन्य वस्तुओं की रिकवरी की गई।
इसके अलावा विभिन्न खाद्य पदार्थों का निर्माण करने वाले कारखानों व दुकानों से भी सैंपल एकत्र किए गए और प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजे गए। पुलिस टीमों की लगातार निगरानी से मिलावटखोरों पर दवाब बनाते हुए पिछले साल भर में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री में भारी गिरावट आई।
अवैध शराब पर भी कसी नकेल
अवैध शराब पर लगाम लगाने के अभियान में उड़न दस्ते की टीमों ने 98 औचक छापेमारी कर 114 लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें आरोपियों से 3.98 करोड़ रुपये से अधिक की रिकवरी की गयी।
इसी प्रकार मुख्यमंत्री के उड़न दस्ते द्वारा पिछले वर्ष के दौरान कुल 623 जांच दर्ज की गई थी, जिनमें से 501 का निपटारा किया जा चुका है। जांच के बाद कुल 21 मामले दर्ज करवाये गए, जिनकी जांच विभिन्न जिलों में की जा रही है।
लोकायुक्त कार्यालय से डिस्क्रीट जांच करने बारे गुप्तचर विभाग में प्राप्त एक शिकायत के मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। मुख्यमंत्री उड़न दस्ते की एसआईटी द्वारा उक्त जांच शुरू करने के बाद वैट घोटाले के संबंध में 142 प्राथमिकी दर्ज की गयी।