हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला ने आज एक बयान जारी कर बताया कि हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो ने पिछले 6 साल में अभूतपूर्व काम किया है। इसका सीधा असर यह है कि स्टेट पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज का जो घाटा 2888.88 करोड़ 2014-15 में होता था, 2019-20 में वह 611.18 करोड़ तक आ गया है। सुभाष बराला ने बताया कि कुल 23 पब्लिक सर्विस एंटरप्राइजेज कंपनी एक्ट के तहत हरियाणा में रजिस्टर्ड हैं जिनका पिछले 6 साल में मुनाफा दोगुना से भी ज्यादा हुआ है।
18 पीएसई ने 2019-20 के वित्तीय वर्ष में 884.21 करोड का मुनाफा कमाया और इसके साथ ही 2014-15 में जहां ऐसी 10 पब्लिक सर्विस एंटरप्राइजेज घाटे में चल रही थी। उनकी संख्या अब घटकर केवल 5 रह गई है।

उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार की 19 पब्लिक सर्विस एंटरप्राइजेज कॉपरेटिव एक्ट के तहत रजिस्टर की गई है जिनमें से 6 पीएसई का कुल मुनाफा 2014-15 में 40 करोड़ होता था। वहीं आज कॉपरेटिव एक्ट के तहत स्थापित की गई 8 पीएससी लाभ में चल रही हैं जिनका कुल लाभ 199.32 करोड़ पहुंच चुका है। इसके साथ ही 2014-15 में जहां 12 पीएसई घाटे में थी वही आज इनकी संख्या 10 तक आ गई है।

हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला ने कहा कि लगातार पब्लिक सर्विस एंटरप्राइजेज का घाटा कम होना और मुनाफे की तरफ उनके बढ़ते कदम यह साफ बताते हैं कि मौजूदा सरकार हरियाणा को लगातार विकास के पथ पर आगे लेकर जा रही है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में सरकार सबका साथ और सबका विकास के सिंद्धांत को स्थापित करते हुए प्रदेश का चहुंमुखी विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में भी लगातार उनकी कोशिश यहीं रहेगी कि पब्लिक सर्विस एंटरप्राइजेज के बचे थोड़े से घाटे को भी खत्म किया जा सके और इनको लाभ में लेकर आया जा सके।