लोगों की यात्रा सुगम करने के लिए सरकार नए-नए प्रोजेक्ट ला रही है। उम्मीद है कि दिल्ली से मुंबई तक जाने वाला देश का सबसे लंबा हाईवे इसी साल जनता को समर्पित किया जा सकता है। अनुमान है कि केंद्र के सबसे महत्वकांशी प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर करीब 5 हजार करोड़ रुपए की लागत आ सकती है। इस हाईवे से देश के कई राज्य एक दूसरे से जुड़ जाएंगे। साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि इस पर यात्रा बेहद ही सुगम होगी। केंद्र का यह भी मानना है कि इस हाईवे के निर्माण से दिल्ली व हरियाणा से मुंबई पहुंचने का टाईम 24 की बजाए 12 घंटे हो जाएगा।
यह अलग बात है कि देश के सबसे बड़े व खूबसूरत हाईवे पर यात्रा करने के लिए वाहन मालिकों को टोल टैक्स भी चुकाना होगा। इसके बावजूद लोगों में इस हाईवे को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।
जुड़ने जा रहे हैं हरियाणा के यह शहर
कहा जा रह है कि इस हाईवे से देश के विभिन्न राज्यों को कोई ना कोई फायदा होने की बात कही जा रही हैं। वहीं हरियाणा में भी इस एक्सप्रेसवे से कई प्रोजेक्ट जुड़ गए हैं। यह हाईवे दिल्ली से होते हुए नोएडा के रास्ते फरीदाबाद, बल्लभगढ़, गुरूग्राम, पलवल तथा मेवात से होकर गुजरेगा।
इसके अलावा यह बात भी समाने आ रही है कि इस हाईवे को नोएडा में बनने जा रहे अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से भी जोड़ा जा सकता है ताकि लोगों को इस एयरपोर्ट का लाभ मिल सके। साथ ही इस हाईवे से हरियाणा के अनेक शहरों को लिंक मार्गों से जोड़ा जाएगा ताकि लोगों की यात्रा को सुगम हो। जानकारी के अनुसार 10,400 करोड़ रुपए से विभिन्न सड़क मार्गों को नए तरीके से बनाकर इस एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा।
150 किमी. में मिलेंगी अनेक सुविधाएं
बता दें कि हरियाणा का करीब 150 किलोमीटर तक का हिस्सा मुंबई एक्सप्रेसवे में शामिल होगा। इस 150 किलोमीटर के क्षेत्र में यात्रियों को अनेक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इनमें रिजॉर्ट, रेस्टोरेंट, डोरमेट्री, अस्पताल, फूड कोर्ट, पेट्रोल पंप, पार्किंग तथा गैराज जैसी सुविधाएं शामिल होंगी जिससे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के यात्रियों पर हरियाणा अपनी विशेष छाप छोड़ सके।
इसके अलावा यहां कमर्शियल स्पेस ऑफ लॉजिस्टिक पार्क भी होंगे। एक्सप्रेसवे पर अगर कोई दुर्घटना हो तो पीड़ित व्यक्तियों को हैलीकॉप्टर एंबुलेंस की सेवा से जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
इन परियोजनाओं को मिली स्वीकृती
साथ ही दिल्ली-जयपुर हाईवे पर गांव बिलासपुर, मानेसर तथा कापड़ीवास सहित 3 परियोजनाओं को स्वीकृती दी जा चुकी है। इन पर करीब 250 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इन स्थानों पर अंडरपास या फलाईओवर बनाने की मांग भी रखी गई थी जिससे लोगों को वहां बेहतर सुविधाएं मिलें और दुर्घटनाओं की संख्या में भी कमी आए।
पलवल-अलीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग और ईस्टर्न पैरिफेरियल एक्सप्रेस हाईवे (केजीपी) पर इंटरचेंज बनाने के कार्य को भी स्वीकृति मिल गई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह मांग केन्द्रीय मंत्री गडकरी के समक्ष रखते हुए कहा था कि इंटरचेंज जब तक नहीं बनेगा तब तक एक मार्ग से दूसरे मार्ग का उपयोग करने वाले लोगों को कठिनाई आएगी। फरीदाबाद शहर को जेवर हवाई अड्डे के साथ जोड़ने के लिए रखी गई मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मांग को भी गडकरी ने मौके पर ही मंजूरी दी।