आज का युग तकनीकी युग है। नए अविष्कार, नई तकनीक से लोगों का जीवन आसान हो गया है। आज के समय में महिला और पुरुष को समान समझा जाता है। लेकिन दुनिया कितनी ही आधुनिक क्यों न हो जाए फिर भी हमारे समाज में ऐसे कई लोग हैं जो महिलाओं को केवल च दिवारी में बंद देखना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि उनका काम सिर्फ घर संभालना ही होता है। लेकिन महिलाओं ने इन नकारात्मक बातों पर ध्यान न देते हुए यह साबित कर दिखाया है कि वह घर के साथ-साथ बाहर के कामों को भी अच्छे से संभाल सकती है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है। आज हम आपको ऐसी ही एक महिला के बारे में बताएंगे जिन्होंने बेहद कम उम्र में गांव की सरपंच का कार्यभार संभाला है।
महिला का नाम शहनाज़ खान है। शहनाज़ ने महज 24 साल की उम्र में सरपंच बनकर सभी को हैरान कर दिया। वह गांव की पहली सरपंच हैं जो MBBS की पढ़ाई भी कर रही हैं। अब अपनी पढ़ाई के साथ-साथ वह गांव का विकास भी करना चाहती हैं। साथ ही वे लगातार लड़कियों की शिक्षा पर जोर दे रही हैं।
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आज भी कई महिलाओं को घर की चार दीवारी में रहने की ही हिदायत दी जाती है। वहीं आज ऐसी भी कई महिलाएं हैं जो रूढ़िवादी विचारधारा को तोड़कर आगे बढ़ रही हैं। महिलाओं को भी एक नई पहचान दिला रही हैं। ऐसी ही कहानी है युवा सरपंच शहनाज़ खान की जिन्होंने महज 24 वर्ष की उम्र में गांव की सरपंच का पद संभाला है।
195 वोटों से जीती
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शहनाज़ राजस्थान के भरतपुर के कामां पंचायत से सरपंच के पद पर चुनी गई हैं। इतना ही नहीं खास बात ये भी है कि शहनाज़ राजस्थान की पहली MBBS महिला सरपंच बनी हैं। इसके लिए शहनाज़ ने कुल 195 सीटों से जीत हासिल की है।
लड़कियों की शिक्षा पर दे रही जोर
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सरपंच बन अब वह गांव के विकास में अपना अहम योगदान देना चाहती हैं। वे लड़कियों की शिक्षा पर भी ज़ोर देने का प्रयास करना चाहती हैं। आज हर कोई शहनाज़ की जीत से बेहद खुश है। अब वह हरियाणा और मेवात के इलाके से चुनाव भी लड़ना चाहती हैं।
डॉक्टरी की कर रही है पढ़ाई
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शहनाज़ राजस्थान के भरतपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई गुरुग्राम से पूरी की है। 12वीं की पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल से पूरी की है। इसके बाद शहनाज़ ने MBBS करने का फैसला किया। अब शहनाज़ उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद से MBBS की पढ़ाई कर रही हैं। अब वे गुरुग्राम के सिविल अस्पताल में अपनी इंटर्नशिप भी पूरी करेंगी और इसके बाद वे डॉक्टरी में मास्टर्स की डिग्री भी हासिल करना चाहती हैं।
घर के कई सदस्य हैं राजनीति से जुड़े
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बता दें कि शहनाज़ का राजनीति से बहुत पुराना नाता है। उनके घर के कई सदस्य राजनीति में हैं। जिस जगह से शहनाज़ ने सरपंच का चुनाव जीता है। उसी जगह पर 55 साल पहले उनके दादा सरपंच के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वहीं पिता भी गांव के प्रधान और मां भी विधायक और संसदीय सचिव भी रह चुकी हैं। इसके बाद अब शहनाज़ ने भी राजनीति में कदम रखा है।
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जानकारी के अनुसार शहनाज़ के दादा पर फर्जी सर्टिफिकेट देने का आरोप था। ऐसे में चुनाव को स्थगित कर दिया गया था। तब शहनाज़ के घर में चर्चा होने लगी कि अब उनके दादा की जगह कौन चुनाव लड़ेगा। चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार का 10वीं पढ़ा होना भी जरूरी थी। घर में लंबी चर्चा के बाद शहनाज़ के चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया। इसके बाद ही शहनाज़ ने भी सरपंच की सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू की।
पढ़ाई के साथ-साथ गांव के विकास पर दे रही हैं जोर
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बता दें कि अब शहनाज़ ने गांव की युवा सरपंच के तौर पर कार्यभार को संभाल लिया है। अपनी पढ़ाई के साथ साथ गांव के विकास पर भी ज़ोर दे रही हैं। वे चाहती हैं कि उनका गांव भी आगे बढ़े और विकास की राह पर चले। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि वे गांव के विकास के लिए ही लड़कियों की शिक्षा पर भी जोर देना चाहती हैं।
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शहनाज़ ने कहा कि आज भी कई लोग लड़कियों को ज्यादा पढ़ाना नहीं चाहते और साथ ही बहुत कम उम्र में ही उनकी शादी कर देते हैं। ऐसे में शहनाज़ खुद उदाहरण बन अभिभावकों को समझाना चाहती हैं कि लड़कियां बोझ नहीं बल्कि वरदान स्वरूप हैं। वहीं शहनाज महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाना चाहती हैं। आज हर कोई शहनाज़ पर गर्व कर रहा है।