हमारे देश में हुनर की कोई कमी नहीं है। हर किसी व्यक्ति में कूट-कूट कर हुनर भरा हुआ है। जिसके चलते आत्मनिर्भर भारत अभियान एक बड़ी कामयाबी पर पहुंचा है। ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जिन्होंने अपना हुनर दिखाया और देश का नाम रोशन किया, क्योंकि उनका हुनर ना सिर्फ देश में बल्कि विदेशों तक भी पहुंचा है। ऐसे ही हरियाणा में मौजूद एसएनपीसी की मशीन का निर्माण किया गया है। आपको बता दें कि यह मशीन पूरी तरह स्वदेशी है। जिसके चलते भारत को खोदकर महसूस होता है।
आपको को बता दे, यह मशीन ईट बनाने में काम आती है। यह मशीन केवल 1 घंटे में 12000 ईटो का निर्माण कर सकती है। पहले इन्हें बनाने में जितनी मेहनत और समय लगता था। अब इस मशीन से उसकी बहुत बचत होती है और इसमें लागत भी कम लगती है।

आपको बता दें इस मशीन का जो फाउंडर है या कहें जिसमें यह मशीन बनाई है उनका नाम सतीश चिकारा है। यह मशीन 6 देशों में अपना झंडा गाड़ चुकी है। स्कूल ड्रॉपआउट होने के बावजूद भी उन्होंने अपनी कंपनी को इस मुकाम तक पहुंचाया है। इस चीज से यह तो साफ हो जाता है कि कामयाबी डिग्री की नहीं बल्कि अक्लमंदी की मोहताज होती है।

सतीश का यह कहना है कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है। कई सालों से इस काम को सफल करने के प्रयास में सतीश लगे हुए थे। और उन्हें यह कामयाबी साल 2014 में पाई। जिसमें उन्होंने इस मशीन को तैयार किया और अब वे इसके पांच अलग-अलग मॉडल बाजार में लायेंगे।

आपको बता दें यह है एनएचपीसी मशीन विदेशी तक फैली हुई है। यह मशीन उज्बेकिस्तान में भी काम कर रही है। लेकिन सतीश इस मशीन को अफ्रीका और एशिया में भी फैलाना चाहते हैं और यहां इसकी जरूरत भी बहुत है क्योंकि हाउसिंग डेवलपमेंट का काम जोरों शोरों से चल रहा है।

इस तरह की कोई और मशीन नहीं है। इसके साथ ही सतीश इस मशीन को पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश के साथ-साथ कई देशों में भेज चुके हैं। सतीश को अपनी इस काबिलियत के लिए नेशनल स्टार्टअप अवार्ड भी मिल चुका है।