रिजर्व बैंक ने मंगलवार को मिल्लथ को-ऑपरेटिव बैंक, देवंगरे (कर्नाटक) पर प्रतिबंधों को तीन महीने के लिए 7 मई, 2022 तक बढ़ा दिया है। 10 मई, 2019 को पहले जारी निर्देशों के अनुसार, ग्राहकों को प्रत्येक खाते से रुपये निकलने की सीमा 1,000 रुपये तय की थी। निर्देश समय-समय पर अब तक बढ़ाए गए हैं। मंगलवार को एक प्रेस बयान में, RBI ने कहा कि निर्देशों के अन्य नियम और शर्तें अगले तीन महीने तक के लिए बढ़ाई जा रही है।
निर्देशों के अनुसार यह को-ऑपरेटिव बैंक आरबीआई की मंजूरी के बिना कोई नया लोन नहीं दे सकेगा और न ही कोई नया निवेश या कोई न ही देनदारी ले सकेगा। इसके अलावा कोई भी निवेश नहीं करेगा और न ही धनराशि उधार ले पाएगा और न ही नए जमा की स्वीकृति दे पाएगा।
बता दें कि आरबीआई ने पहली बार इस को-ऑपरेटिव बैंक पर मई 2019 में प्रतिबंध लगाया था बाद में प्रतिबंध को बढ़ाकर 7 मई 2021 कर दिया गया था लेकिन इसके बाद भी जब सुधार नहीं हुआ तो बैंक ने तीन महीने के लिए प्रतिबंध बढ़ाकर 8 अगस्त 2021 कर दिया।
इसके बाद एक बार फिर अगस्त में इस प्रतिबंध को बढ़ाकर 7 नवंबर 2021 कर दिया और अंतिम बार फरवरी 2022 तक के लिए बढ़ा दिया था। अब आज एक बार फिर केंद्रीय बैंक से इस प्रतिबंध को बढ़ाकर 7 मई, 2022 कर दिया है।
रद्द हो चुका है महाराष्ट्र के को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस
हाल ही में बीते 3 फरवरी को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महाराष्ट्र के इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Independence Co-operative Bank Ltd) का लाइसेंस रद्द किया है। आरबीआई का कहना है कि बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने ग्राहकों को पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ है, यदि बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय को और आगे ले जाने की अनुमति दी जाती है तो इसका प्रभाव जनहित पर पड़ेगा। ऐसे में ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस बैंक का लाइसेंस रद्द करने का फैसला लिया है।
आपको बता दें कि आरबीआई ने इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए पिछले साल ही पाबंदी लगा दी थी। जिसके बाद से करीब 6 महीने तक ग्राहक पैसे नहीं निकाल सकते थे। लेकिन इसके बावजूद बैंक की कारोबारी स्थिति में कोई सुधार नहीं होने के कारण अब आरबीआई ने लाइसेंस रद्द करने का फैसला लिया है।