Homeकुछ भीमहाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर का खीर का प्रसाद खाने से भर...

महाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर का खीर का प्रसाद खाने से भर जाएगी सूनी गोद, ऐसी है यहां की मान्यता

Published on

महाशिवरात्रि के पर्व के समय शिव मंदिरों में भारी संख्या में भक्त दर्शन करने जाते हैं। पूरे देश में इतने शिव मंदिर मौजूद हैं जिनकी गिनती ही नहीं कर सकते। हर मंदिर की अपनी एक अलग कहानी और परंपरा है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताएंगे जहां की खीर का प्रसाद खाकर संतान की प्राप्ति होती है। संतान प्राप्ति वाला यह चमत्कारी मंदिर मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में स्थित है। यहां हर साल महाशिवरात्रि के मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और भगवान से दुआ मांगते हैं।

इसमें हजारों लोग तो सिर्फ संतान सुख पाने की चाह लेकर ही आते हैं। इस मंदिर को विरुपाक्ष महादेव और भूल भुलैय्या वाला शिव मंदिर कहा जाता है। ये रतलाम शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है।

भक्त इस मंदिर में आकर माथा टेकते हैं। शिवजी से संतान प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं और फिर प्रसाद के रूप में खीर ग्रहण कर लेते हैं। जब उन्हें संतान की प्राप्ति हो जाती है तो वह दोबारा इस मंदिर में बच्चे के साथ धन्यवाद कहने और शिवजी के सामने माथा टेकने आते हैं। यह मंदिर भक्तों के बीच आस्था का बड़ा केंद्र है।

महाशिवरात्रि पर हर साल लगता है मेला

अगर आप भी इस मंदिर में जाना चाहते हैं तो पहले आपको मध्य प्रदेश के रतलाम शहर जाना होगा। फिर महू-नीमच फोरलेन पर रतलाम से 30 किमी दूर बिलपांक ग्राम आना है। यहां मुख्य सड़क से पूर्व की ओर करीब 2 किमी अंदर विरुपाक्ष महादेव का यह प्राचीन मंदिर स्थित है। महाशिवरात्रि पर यहां हर साल मेला भी लगता है।

खीर खाकर भर जाती है सूनी गोद

कहते हैं कि मंदिर से कभी कोई खाली हाथ नहीं जाता है। महाशिवरात्रि पर यहां हवन भी होता है। इसके बाद खीर का प्रसाद बांटा जाता है। मान्यता है कि इस प्रसाद को ग्रहण करने से महिलाओं की सूनी गोद भी भर जाती है।

इस राजा ने बनवाया था मंदिर

गुजरात के चालुक्य नरेश सिद्धराज जयसिंह ने संवत 1196 में इस मंदिर की आधारशिला रखी था। उन्होंने ही इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। गुर्जर चालुक्य शैली (परमार कला के समकालीन) का मनमोहक उदाहरण है यह मंदिर। इसमें वहाँ के स्तम्भ व शिल्प सौंदर्य की झलक देखने को मिलती है।

मंदिर में आपको शिल्पकला के रूप में चामुण्डा, हरिहर, विष्णु, शिव, गणपति पार्वती जैसे भगवानों की प्रतिमाएं देखने को मिल जाती है। गर्भगृह के प्रवेश द्वार पर गंगा-यमुना द्वारपाल और अन्य अलंकरण भी है। वहीं गर्भगृह के बीच शिवलिंग और एक तोरणद्वार भी है। ये भी गुर्जर चालुक्य शैली से बना है।

Latest articles

Faridabad के DPSG School ने आयोजित किया DPSG Cup, 4000 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा

हरियाणा को खिलाड़ियों की भूमि कहा जाता है। देश में सबसे ज्यादा पदक हरियाणा के खिलाड़ी लेकर आते हैं। खेल हमारे स्वास्थ्य के लिए...

अगर देश को बचाना है तो भाजपा को वोट दें:  Faridabad भाजपा लोकसभा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर

आप सभी जानते ही हैं अब चुनाव का विगुल बज चुका है।  सभी पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। बात करें,...

सरकारी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया में हरियाणा सरकार ने किए बड़े बदलाव, जाने क्या..

जब भी जनहित की बात आती है, तो हरियाणा सरकार कई बदलाव करते हुए नजर आती है।  इसी प्रकार से अभी सरकारी स्कूलों में...

Haryana: इस जिले की बेटी की UPSC  परीक्षा के पहले attempt में हुई थी हार,  दूसरे attempt में मारा चौंका

UPSC Results: ब्राजील से अपने माता-पिता को छोड़ एक लड़की UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए हरियाणा के फरीदाबाद जिले में...

More like this

हरियाणा के स्कूलों में शुरू हुई नई पहल, अब घर वालों को फोन पर रिजल्ट देंगे स्कूल के अध्यापक

हरियाणा में 10वीं और 12वीं में खराब रिजल्ट वाले स्कूलों के रिजल्ट को सुधारने...

हरियाणा सरकार ने रक्षाबंधन के दिन महिलाओं को दी बड़ी सौगात, किया यह ऐलान

हरियाणा सरकार ने रक्षाबंधन के दिन महिलाओं के लिए बड़ा ऐलान किया है. परिवहन...

Haryana को अब गर्मी से मिलेगी राहत,येलो अलर्ट किया जारी

हरियाणा में लगातार पड़ रही गर्मी से अब लोगों को राहत मिलने की संभावना...