हर किसी को अपनी गाड़ी पर वीआईपी नंबर प्लेट लगाने का शौक होता है। बात करें हरियाणा के लोगों की तो यहां लोगों में वीआईपी नंबर खरीदने की होड़ लगी रहती है। कई बार देखा गया है कि हरियाणवी लोग गाड़ी से ज्यादा खर्चा नंबर खरीदने में कर देते हैं। हरियाणा सरकार की गाड़ियों में वीआईपी नंबर लगे हैं जिस कारण आम लोग उन नंबरों को नहीं खरीद सकते थे लेकिन अब वीआईपी नंबरों को लेकर हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
हरियाणा प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है कि परिवहन अथॉरिटी के वीआईपी नंबरों पर अब नेताओं और अफसरों का अधिकार नहीं रहेगा। हरियाणा सरकार की 179 गाड़ियों से 0001 नंबर समेत मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अफसरों की गाड़ियों से वीआईपी नंबर हटाए जाएंगे।

0001, 0002 से लेकर तमाम वीआईपी नंबर आम लोगों के लिए उपलब्ध होंगे। इस प्रपोजल पर मंजूरी के लिए परिवहन विभाग मुख्यमंत्री कार्यालय भी पहुंच चुका है।
मुख्यमंत्री की गाड़ी से हटेगा 0001 VIP नंबर

सरकार की गाड़ियों से नंबर हटने की शुरूआत स्वयं मुख्यमंत्री के काफिले में शामिल 0001 नंबर की गाड़ियों हुई। बीते दिनों में मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान स्वयं मुख्यमंत्री ने अपने काफिले में शामिल सभी वीआईपी नंबरों की गाड़ियों के नंबर आम लोगों के लिए सरेंडर करने का फैसला लिया। साथ ही मुख्य सचिव संजीव कौशल ने भी अपनी गाड़ी का 0001 नंबर सरेंडर कर दिया। हरियाणा सरकार की 179 गाड़ियों पर 0001 नंबर की नंबर प्लेट है, अब इन सभी गाड़ियों से यह नंबर हटाए जाएंगे।
0001 नंबर की कीमत

हरियाणा में वीआईपी नंबरों की मांग इतनी ज्यादा है कि 0001 नंबर की रिजर्व प्राइस 5 लाख रुपये है। अगर एक से अधिक लोग इसी नंबर के लिए अप्लाई करते हैं तो फिर ई-ऑक्शन के जरिए अधिक बैट लगाने वाले व्यक्ति को यह नंबर मिलेगा। 0002, 0007 व 0009 नंबर का रिजर्व प्राइस डेढ़ लाख रुपये है। जबकि 0003 से 0006 और 0008 नंबर का रिजर्व प्राइस एक लाख रुपये तय है।