हरियाणा सरकार ने प्रदेश में फसल अवशेष प्रबंधन (Crop Residue Management in Haryana) के प्रोत्साहन हेतु वर्ष 2022-23 के दौरान फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत कृषि यंत्र जैसे कि सुपर एसएमएस, बेलिंग मशीन, हैप्पी सीडर, रोटरी स्लेशर/ श्रब मास्टर, पैडी स्ट्रॉ चॉपर/ मल्चर, रिवर्सिबल प्लो, जीरो टिल ड्रिल, सुपर सीडर, ट्रेक्टर चालित/ स्वचालित क्रॉप रीपर/ रीपर कम बाईंडर पर अनुदान देने के लिए आवेदन आमंत्रित (Applications invited for grant) किये हैं।
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किसान को टोकन राशि 2500 रुपये एवं 5000 रुपये अलग-अलग कृषि यंत्र की अनुदान राशि के अनुसार ऑनलाइन ही जमा करवानी होगी।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पंजीकृत किसान समूह/ किसान उत्पादक संगठन/ ग्राम पंचायत को कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित करने के लिए 80 प्रतिशत या अधिकतम अनुदान राशि व व्यक्तिगत श्रेणी में 50 प्रतिशत या अधिकतम अनुदान राशि दी जायेगी। योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान विभाग के पोर्टल agriharyana.gov.in पर 25 अगस्त, 2022 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत लाभार्थी की श्रेणी में आवेदन करने के लिए किसान का ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर पंजीकृत होना अनिवार्य है। किसान के नाम रजिस्टर्ड ट्रैक्टर की वैध आर.सी, परिवार पहचान पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड, स्वयं घोषणा पत्र, जमीन का विवरण एवं बैंक खाता होना भी आवश्यक है। अनुसूचित जाति के किसान के लिए जाति प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।

इसके अलावा, एक किसान विभिन्न प्रकार के अधिकतम 3 कृषि यंत्र ही ले सकता है और जिन किसानों ने पिछले दो वर्षों में जिन कृषि यंत्रों पर अनुदान लिया है, वे इस स्कीम में उस यंत्र के लिए अनुदान प्राप्त करने हेतू आवेदन करने के लिए पात्र नहीं होंगे।

उन्होंने बताया कि कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना हेतु आवेदन करने के लिए समिति का पंजीकरण, पैन कार्ड, ट्रेक्टर की आर. सी., बैंक खाते का विवरण व प्रधान का आधार कार्ड आवश्यक है। इस श्रेणी में अधिकतम 5 यंत्रों के लिए आवेदन किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि स्कीम के दिशा-निर्देशानुसार कस्टम हायरिंग सेंटर्स की स्थापना में रेड जोन व येलो जोन के गाँवों को वरीयता दी जायेगी।

उन्होंने बताया कि इस स्कीम के तहत अनुदान देने के लिए सारी प्रक्रिया का संचालन संबंधित जिला स्तरीय कार्यकारी कमेटी द्वारा किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष संबंधित उपायुक्त हैं। अधिक जानकारी के लिए उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा संबंधित जिला के सहायक कृषि अभियन्ता के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।