आकृति चोपड़ा के नाम से तो आप सभी वाकिक की होंगे। अगर आप इस नाम को नहीं जानते हैं तो आपको बता दें, आकृति चोपड़ा ने अपने करियर की शुरुआत चार्टर्ड अकाउंटेंट से की थी। जो आज समय जोमैटो की को फाउंडर भी है।
हालांकि जब उन्होंने फूड स्टार्टअप जोमैटो के साथ जाने का निर्णय लिया तो उनके माता-पिता ने इस चीज की अनुमति नहीं दी थी। लेकिन आपको बता दे, उन्होंने अपने पेरेंट्स को कहा कि वह कुछ हटकर करना चाहती हैं। आज उनके के इस वादे को उन्होंने पूरा किया और अपने परिवार को खुशियां मनाने का मौका भी दिया है।

अब आकृति की गिनती जोमैटो के सबसे ज्यादा सैलरी लेने वाले लोगों में होती है। उन्होंने ऐसा कहा है कि, अगर मेहनत और सच्चाई से किसी काम को किया जाए तो उसमें सफलता पाना मुश्किल नहीं होता और उन्होंने खुद इस बात को साबित करके दिखाया है।
उन्होंने जमेटो को 2011 में सीनियर मैनेजर के रूप में ज्वॉइन किया था। इससे पहले वह पी डब्ल्यू सी में आर्टिकलैड असिस्टेंट थी। वह पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से जमेटो में हैं।

इस दौरान उन्होंने कंपनी के लिए कई तरह की भूमिकाएं निभाई हैं। 2021 में उनका प्रमोशन हुआ, जिसमे उन्हें को फाउंडर बनाया गया। इससे पहले वह वाइस प्रेसिडेंट, फाइनेंस के रूप में कार्य करती थी।
वह जोमैटो में काफी अच्छा पैकेज लेती हैं। साल 2021 में उनकी सैलरी 1.63 करोड़ रुपए थी। 2021 के जब जोमैटो का आईपीओ आया तब उनको मिले ए एस ओ पी का मूल्य करीब 149 करोड़ था।
साल 1988 में गुरुग्राम में उनका जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली के आर के पुरम के डीपीएस स्कूल से की। फिर अपना ग्रेजुएशन श्री राम कॉलेज फॉर वुमेन से पूरा किया।

अगर बात की जाए आकृति चोपड़ा के वैवाहिक जीवन की तो उन्होंने blinkit के कोफाउंडर अलविंदर ढेडशा से शादी की है। जोमैटो ने जून में $5700,000,00 की एक टीम में क्विक फॉर्म्स कंपनी ब्लैंकेट के अधिग्रहण की घोषणा की थी।
हालांकि तब शेयरधारकों में एक तबके ने इस बात की नाराजगी जताई थी। कि जमेटो ने अधिग्रहण के समय आकृति चोपड़ा और अलविंदर के रिश्ते को लेकर उन्हें अंधकार में रखा था।

इस विवाद पर जोमैटो के सीईओ दीपेंद्र गोयल ने कहा था कि अरविंदर और आकृति के बीच संबंध सार्वजनिक है और यह पहले से ही सबको पता है। इसमें छिपाने के लिए कुछ भी बाकी नहीं है। बोर्ड को इसके बारे में सब कुछ पता है।