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जानें क्या है एस्मा एक्ट? हरियाणा में हुआ लागू, अब बिना वारंट के उठा ले जाएगी पुलिस

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हरियाणा सरकार ने प्रदेश में अब एस्मा लागू कर दिया है। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर जानकारी दी की प्रदेश में एस्मा लागू कर दिया है। लेकिन आपको पता है कि एस्‍मा क्या है, सरकार ने इसे क्यों लागू किया है, कौन सी स्थिति में इसे लागू किया जाता है, ऐसे क्या नौबत आई जिसके बाद सरकार ने उसे लागू किया? हरियाणा में अचानक से एस्मा क्‍यों लागू किया गया। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको एस्मा से जुड़ी कुछ जानकारी देंगे। यह कदम महामारी की रोकथाम में बाधा डालने के लिए डॉक्टरों के एक समूह द्वारा हड़ताल पर चले जाने के कारण उठाया गया है।

महामारी की दूसरी लहर से सबक लेते हुए हरियाणा सरकार तीसरी लहर को लेकर गंभीर दिखाई दे रही है। प्रशासन ने अपने सभी कर्मचारियों को मोर्चे पर लगा दिया है। इसके साथ ही सरकार ने आवश्यक सेवा अधिनियम (Essential Services Maintenance Act) एस्मा को भी लागू कर दिया है।

बता दें कि इस एक्ट को सरकार ने छः महीने तक लागू किया है। डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए गृहमंत्री अनिल विज ने यह कदम उठाया है। इस अधिनियम के तहत अगले छः महीने तक प्रदेश में हड़ताल पर पाबंदी बरकरार रहेगी।

छः महीने तक एस्मा लागू होने के कारण अब हरियाणा में कोई भी सरकारी कर्मचारी, प्राधिकरण कर्मी या फिर निगम कर्मी छः महीने तक हड़ताल नहीं कर पाएगा। सरकार की ओर से छः महीने तक हड़ताल पर रोक लगा दी गई है। हरियाणा के सभी सरकारी विभागों, निगमों, प्राधिकरणों आदि में एस्मा के तहत अब छः माह के लिए हड़ताल पर रोक लगी है।

विज ने ट्वीट कर लिखा कि “हरियाणा में एस्मा लागू कर दिया गया है, अब 6 महीने तक हड़ताल नहीं कर सकेंगे स्वास्थ्य कर्मी। यह कदम महामारी की रोकथाम में बाधा डालने के लिए डॉक्टरों के एक समूह द्वारा हड़ताल पर चले जाने के कारण उठाया गया है।”

क्यों उठाया यह कदम?

बता दें कि कल यानी 11 जनवरी को हरियाणा में डॉक्टरों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ओपीडी पूरी तरह से बंद कर हड़ताल शुरू कर दी थी। महामारी के संक्रमण के कारण चिकित्‍सीय सुविधा में बाधा होने की वजह से मरीज परेशान हो रहे थे। इसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने गंभीर कदम उठाया और एस्‍मा लागू कर दिया।

जानें एस्मा के बारे में

एस्मा भारतीय संसद से पारित एक अधिनियम है। इसे सबसे पहले सन् 1968 में लागू किया गया था। केन्द्र सरकार अथवा कोई भी राज्य सरकार इस कानून को अधिकतम छः महीने के लिए लागू कर सकती है। कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है।

एस्मा के रूप में है हथियार

एस्मा के रूप में सरकार के पास एक ऐसा हथियार है जिससे वह किसी भी कर्मचारी आंदोलन को कुचल सकती है। एस्मा लागू होने के बाद यदि कर्मचारी हड़ताल में शामिल होता है तो यह अवैध एवं दंडनीय माना जाता है। बिना वारंट के कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार कर सकती है।

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