मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने अपने वायदे के मुताबिक किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की कवायद अब तेज कर दी है। जैसा की सब जानते हैं कि तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में एक साल से भी ज्यादा समय तक चले किसान आंदोलन के दौरान हजारों किसानों पर 272 मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें से 82 मुकदमे मनोहर सरकार ने अपने स्तर पर वापस लें लिए थे। वहीं रेलवे ट्रैक और हाइवे जाम करने संबंधी 82 मुकदमों को रद्द करने की अनुमति केन्द्र सरकार से मांगी है।
केन्द्र सरकार ने भी हरियाणा सरकार को इन मुकदमों को वापस लेने को अनुमति प्रदान कर दी है। सूबे के गृहमंत्री अनिल विज ने केंद्र सरकार द्वारा मिली अनुमति की पुष्टि करते हुए कहा कि तमाम औपचारिकताएं पूर्ण होते ही इन मुकदमों को रद्द कर दिया जाएगा।
गृहमंत्री अनिल विज ने बताया कि बाकी बचे 104 मुकदमों को भी वापस लेने की प्रक्रिया में तेजी बरती जा रही है। इन मुकदमों को जल्द खारिज किया जाएगा।
कुछ मामले गंभीर श्रेणी के हैं और कुछ पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा रखा है। इन मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया प्रदेश सरकार ने अपने एडवोकेट जनरल कार्यालय के माध्यम से शुरू की हुई है।
गृहमंत्री विज ने बताया कि हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसे इन मुकदमों को वापस लेने की अनुमति केन्द्र सरकार से मिली हैं। अनिल विज ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा पर किसानों को गुमराह करने और झूठ बोलने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का वादा किया था जिसे कानूनी प्रक्रिया के हिसाब से पूरा किया जा रहा है। बता दें कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रेस कांफ्रेंस कर हरियाणा सरकार पर किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लेने के आरोप लगाएं थे।
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