हरियाणा के हर जिले में खुलेगा एक मेडिकल कॉलेज, अब इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा प्रदेश से बाहर

हरियाणा सरकार प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए प्रयासरत हैं। स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित प्राथमिकताओं पर आने वाले बजट में जोर दिया जाएगा ताकि प्रत्येक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को लाभ मिल सकें। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, आयुष विभाग व एनएचएम तथा आयुषमान भारत योजना के संचालन से संबंधित अधिकारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य जगत से जुड़ी हस्तियों से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से बातचीत कर रहे थे। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में अंबाला से जुडे़ और उन्होंने अपने विचार रखे।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक में स्वास्थ्य से जुडे़ सरकारी/निजी डाक्टरों व अन्य प्रतिनिधियों के माध्यम से आये सुझावों  पर विचार करके बजट में जोड़ने का प्रावधान किया जाएगा।  बैठक के दौरान मनोहर लाल ने कहा कि प्रतिनिधि अपने सुझाव या जानकारी ई-मेल या पत्र भेजकर  दे सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में नागरिक अस्पतालों में नागरिकों को ज्यादा व सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदान करने के लिए उन सुझावों पर ज्यादा बल दिया जाएगा जिनमें नागरिक अस्पतालों की सेवाओं को सुदृढ़ करने का सुझाव होगा। इसके अलावा, दूर-दराज के गांवों में भी लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए तथा ग्रामीण क्षेत्र को कवर करने के लिए जल्द ही एक नीति को तैयार किया जाएगा ताकि ऐसे दूर-दराज के लोगों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ तरीके से उपलब्ध हो सकें।

इससे पूर्व, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसी भी सरकार के लिए तीन बिंदूओं की प्राथमिकता होती है जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा और सुदृढ़ अवसरंचना को तैयार करना आवश्यक होता है। इसी कडी में आज स्वास्थ्य के बिंदू पर चर्चा के लिए बैठक रखी गई है, जिस पर उन्होंने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पहली बार ऐसा हो रहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बजट से पूर्व इस प्रकार की चर्चा व विचार-विमर्श करने का निर्णय लिया हैं, जो सराहनीय है।

विज ने कहा कि वर्ष 2014 में स्वास्थ्य विभाग का बजट 1500  करोड़ था जो अब बढकर 6500 करोड़ रूपए को पार कर गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के चार जिलो में कैथलैब संचालित है तथा शेष जिलों में स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। इसी प्रकार, एमआरआई, सीटी स्कैन, अल्ट्रासांउड व आईसीयू की सुविधा दी जा रही है।

इसके अलावा वर्तमान राज्य सरकार ने हर जिले में मेडीकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है जिसके तहत चार जिलों में मेडीकल कालेज हैं तथा तीन में निर्माणाधीन है तथा तीन जिलों में मेडीकल कॉलेज को खोलने की अनुमति मिल चुकी है।

विज ने कहा कि पीजीआईएमएम, रोहतक में अनुसंधान के कार्य पर बल दिया जाएगा। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित आवश्यतानुसार मैपिंग का कार्य भी किया जाएगा ताकि हरियाणा के किसी भी व्यक्ति को उपचार करवाने के लिए हरियाणा से बाहर न जाना पडें।

वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जुडे़ नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद के. पॉल ने कहा कि स्वास्थ्य सेक्टर को बड़ी प्राथमिकता दी जानी चाहिए और भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक स्वास्थ्य के बजट को राज्य सरकारों के लिए कुल बजट का 8 प्रतिशत निर्धारित करने का लक्ष्य दिया है ताकि लोगों को स्वास्थ्य से संबंधित सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके।

हरियाणा का जिक्र करते हुए डॉ. पॉल ने कहा कि हरियाणा का स्वास्थ्य बजट वर्तमान में कुल बजट का 5.1 प्रतिशत है, जोकि अन्य राज्यों के मुकाबले काफी अच्छी प्रतिशतता है। इसके अलावा डॉ. पॉल ने स्वास्थ्य के क्षेत्र निजी भागीदारी व मानव संसाधन पर भी बल दिया

Rajni Thakur

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