मां और बच्चे का रिश्ता बहुत ही अनमोल होता है। जो एक मां अपने बच्चों के लिए करती वह कोई भी नहीं कर सकता। बच्चों की हर छोटी बड़ी इच्छा को पूरी करने के लिए एक मां कुछ भी कर सकती है। पश्चिम बंगाल से ऐसा ही एक मामला सामने आया है। बेटे का सपना पूरा करने के लिए मां ने कुछ ऐसा किया जिसे जानकर आप भी भावुक हो जाएंगे। जहां एक शख्स अपनी मनपसंद स्कूटी खरीदना चाहता था। लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। उसका परिवार आर्थिक रूप से बहुत ही कमजोर था। इसलिए वह इसे खरीदने में असमर्थ था।
जब बेटे की यह इच्छा मां को पता चली तो उन्होंने इसे पूरा करने का मन बना लिया। इसके बाद मां के इस संकल्प के आगे कोई नहीं टिक पाया, हर बाधा यह मां पार कर गई।
अपने बेटे का सपना पूरा करने के लिए इस मां ने भीख मांगकर 80 हजार रुपए के सिक्के जमा किए। इसके बाद बेटे को उसकी मन पसंद स्कूटी खरीद के दी। हाल ही में ऐसी ही एक घटना केरल से सामने आई है, जहां एक व्यक्ति ढेर सारे सिक्के लेकर बाइक के शोरूम पर पहुंच गया था।
भीख मांगकर मां ने जमा किए पैसे
बता दें कि यह मामला पश्चिम बंगाल के नदिया जिले की है और जिसने भी यह किस्सा सुना वह भावुक हो उठा। बता दें कि नदिया जिले में एक युवक बड़ी-बड़ी बाल्टियों में 80000 रुपए के सिक्के लेकर एक टू व्हीलर के शोरूम में पहुंचा। शोरूम में स्थित एक काउंटर पर जाकर राकेश पांडे नाम के शख्स ने स्कूटी खरीदने की इच्छा जाहिर की। राकेश की ये बात सुनकर शोरूम के कर्मचारी हैरान रह गए। अच्छी बात यह रही कि शोरूम वाले राकेश पांडे को सिक्कों के बदले स्कूटी देने के लिए तैयार हो गए।
शोरूम में स्थित एक काउंटर पर जाकर राकेश पांडे नाम के शख्स ने स्कूटी खरीदने की इच्छा जाहिर की। राकेश की यह बात सुनकर शोरूम के कर्मचारी हैरान रह गए। लेकिन अच्छी बात तो यह रही कि शोरूम वाले सिक्कों के बदले स्कूटी देने के लिए तैयार हो गए।
जमीन पर हुई सिक्कों की गिनती
शख्स की मदद करने के लिए शोरूम के कर्मचारी जमीन पर बैठ गए और सिक्कों की गिनती शुरू कर दी। अब जो कोई भी शोरूम में आता वह राकेश के किस्से को सुनकर भावुक हो जाता।
जानकारी के अनुसार राकेश अपने राज्य से बाहर जाकर मजदूरी का काम करता है वहीं उसकी मां भीख मांगकर गुजारा करती है। बेटे के सपने को साकार करने के लिए मां भीख मांग-मांगकर सिक्कों को इकट्ठे कर रही थी। बेटे ने मजदूरी, तो मां ने भीख मांगकर 80 हजार रुपए इकट्ठे कर लिए थे।
जब राकेश को लगा कि उसके पास इतने पैसे हो गए हैं कि वो स्कूटी खरीद सकता है तो वो पूरे सिक्कों को एक बाल्टी में लेकर शोरूम पहुंच गया। दरअसल राकेश की पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं थी, लिहाजा उसके पास एक बैग भी नहीं था कि वो उसमें सिक्के डालकर ला सके।
शोरूम के मैनेजर ने बताया कि वह इस घटना से पहले 10 से 12 हजार तक के सिक्के ग्राहकों से ले चुके हैं, हालांकि, इस बार अनुभव कुछ अलग था। मैनेजर ने कहा कि एक मां ने जिस तरह तकलीफ सहकर अपने बेटे के लिए पैसे जमा किए, यह वाकई में तारीफ के काबिल है। आगे भी हमसे जो बन पाएगा हम उसके लिए करेंगे।
मां को दी स्कूटी
राकेश ने बताया कि वह ये स्कूटी खुद के लिए नहीं बल्कि उसकी मां के लिए खरीदना चाहता था। पैसे इकठ्ठा होने के बाद उसने स्कूटी खरीदी और अपनी मां को दे दी।
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