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क्या फायदा हुआ इतना दिमाग लगाने का? मुलेठी में छिपा कर ले जा रहे थे 700 करोड़ के ड्रग्स

आम तौर पर गला खराब होने पर या पान का स्वाद बढ़ाने के लिए मुलेठी लिकुरिस रूट्स (मुलेठी) का इस्तेमाल किया जाता है। यूं तो यह मुलेठी अपने देश में भी खूब पाई जाती है। मगर अफगानिस्तान से आने वाली मुलेठी की भारतीय बाजारों में काफी डिमांड रहती है। अफगानिस्तान से सूखे मेवे, ताजे फले और जड़ी-बूटियां आज से नहीं बल्कि सदियों से भारत आती रही हैं। इन आयातित खेप की जांच आयात एकीकृत जांच चौकी अटारी के माध्यम से की जाती रही है। अगस्त, 2021 से अफगानिस्तान में बदली हुई राजनीतिक स्थिति और व्यापार की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए, सभी आयात कार्गों की सख्त जांच की जाने लगी है।

अमृतसर सीमा शुल्क ने हवाई अड्डों के साथ भूमि सीमा शुल्क स्टेशन, आईसीपी अटारी में सोने और दवाओं को छिपाने के कई मामले दर्ज किए हैं। प्रतिबंधित वस्तुओं के ऐसे आयातों के खिलाफ यह विभाग एक अथक लड़ाई लड़ रहा है। इस प्रक्रिया में, भारत के सबसे बड़े मामलों में से एक में, जून, 2019 में अफगानिस्तान के आयात से आईसीपी, अटारी में लगभग 532.630 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई थी।

अमृतसर सीमा शुल्क के अधिकारियों द्वारा अब ऐसे ही एक और बड़े मामले का पता लगाया गया है, जिसमें दिल्ली स्थित एक आयातक द्वारा अफगानिस्तान से आयातित एक लिकुरिस रूट्स (मुलेठी) की खेप में छिपाई गई। ऐपएक्स 102 किलोग्राम की संदिग्ध दवाओं को जब्त किया गया है।

निर्धारित परीक्षा प्रक्रिया के अनुसार माल की एक्स-रे स्कैनिंग के अधीन होने के बाद मामले का पता चला। कुछ अनियमित धब्बे एक्स-रे में आए तो ड्यूटी अधिकारी द्वारा खेप में लकड़ी के कुछ लॉग देखे। इसलिए, संदिग्ध तस्वीरों को देखते हुए सीमा शुल्क अधिकारियों ने पंचों और अन्य सीमा शुल्क कर्मचारियों की उपस्थिति में बैग खोले। जब सभी बैग खोले गए, तो यह देखा गया कि कुछ बैगों में छोटे बेलनाकार लकड़ी के लॉग (मुलेठी जैसे मगर मुलेठी नहीं) थे, जो चिपकने वाली सामग्री में मिश्रित धूल द्वारा दोनों सिरों पर सील किए गए दिखाई दिए थे।

इस तरह के लकड़ी के लॉग को अलग किया गया था और अलग-अलग बैग में पैक किया गया था। इन लकड़ी के लॉग को तब प्रत्येक ऐसे लॉग में खुले खुलासा करने वाली मशीन से बने गुहा को तोड़ दिया गया था, जो मादक पदार्थों के पदार्थ होने का संदेह करने वाली पाउडर सामग्री से भरा हुआ था।

इस पदार्थ का सीमा शुल्क और बीएसएफ दोनों द्वारा अलग-अलग ड्रग्स डिटेक्शन टेस्ट किट के साथ परीक्षण किया गया था और उन्होंने नारकोटिक्स सामग्री के लिए सकारात्मक परिणाम दिखाए। एक गुहा के अंदर बेलनाकार लकड़ी के लॉग में उक्त छिपाने नीचे चित्रों में दिखाया गया है।

इस तरह के लकड़ी के लट्ठों का कुल वजन लगभग 475 किलोग्राम था, जिसमें से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 700 करोड़ रुपये के अनुमानित मूल्य की 102 किलोग्राम संदिग्ध हेरोइन निकाली गई थी। मामले में आगे की जांच जारी है।

Rajni Thakur

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