केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को सेक्टर 13 स्थित इंडियन ऑयल के रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्लांट का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस प्लांट का आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि यह सेंटर तेल व गैस के क्षेत्र में पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा रिसर्च कार्य में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा कि उनका यहां दौरा करने का मकसद यह देखना है की यह सेंटर आत्मनिर्भर भारत बनाने में और अधिक कितना योगदान दे सकता है। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह केंद्र तेल व गैस के क्षेत्र में शोध का कार्य कर रहा है। तेल व गैस के क्षेत्र में हम एडवांस टेक्नोलॉजी को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं।
इस दौरान इंडियन ऑयल के अधिकारियों के साथ मीटिंग करते हुए उन्होंने कहा कि हमें रिसर्च पर अधिक से अधिक ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा की कार्बन डाइऑक्साइड गैस को कैप्चर करके उसे वैल्यू प्रोडक्ट में कैसे बदला जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इथेनॉल बनाने में यह सेंटर बेहतरीन कार्य कर रहा है हमें इसके और अधिक प्रयोग पर बल देना होगा। बायोमिथेन तकनीक कैसे बनाया गया है और आने वाले समय में यह नेचुरल गैस में कैसे बदलेगा। इसके बारे में भी यह सेंटर बेहतरीन ढंग से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि सेंटर में भ्रमण के दौरान उन्होंने देखा कि ग्रीन हाइड्रोजन कैसे बनाते हैं और उसकी तकनीक क्या है।
गडकरी ने सोलर कुकर का निरीक्षण किया
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोलर कुकर का निरीक्षण भी किया और कहा कि देश के लाखों जरूरतमंद लोगों को इस कुकर के जरिए मदद पहुंचाई जा सकती हैं। बता दें कि इस सोलर कुकर का निर्माण हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित इंडियन ऑयल में किया गया है
पुराने टायरों के इंपोर्ट की मंजूरी
इस दौरान उन्होंने इंडियन ऑयल के अधिकारियों से आह्वान किया कि वह बिटुमिन के लिए और अधिक कार्य करें। उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के साथ मिलकर बिटुमिन के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि हमें वेस्ट टो वेल्थ की तरफ ध्यान देना है और हाल ही में केंद्र सरकार ने पुराने टायरों के प्रयोग ही नहीं बल्कि उनके इंपोर्ट को भी मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में कंक्रीट रोड पर भी 1 इंच बिटुमिन डालकर बनाया जाए ताकि उनकी क्वालिटी बेहतर हो। उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर व रूरल को प्रमोट करके हम देश के आर्थिक विकास में अपना योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक कार्बन एग्रीकल्चर में बहुत महत्वपूर्ण होता है इससे हमारी फसलों की उत्पादकता दोगुना बढ़ेगी।
इस अवसर पर इंडियन ऑयल r&d सेंटर के डायरेक्टर एसएसवी रामाकुमार, कार्यकारी निदेशक डॉ दीपक सक्सेना, कार्यकारी निदेशक डॉ एम साहू, चीफ जनरल मैनेजर डॉक्टर उमेश श्रीवास्तव डॉक्टर सचिन चुघ, एसडीएम परमजीत चहल व तहसीलदार नेहा सहारण सहित इंडियन ऑयल के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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