यूक्रेन-रूस के युद्ध (Ukraine-Russia War) के कारण सबसे ज्यादा प्रभाव विद्यार्थियों को हुआ है। हर कोई यूक्रेन से अपनी जान बचाकर दूसरे देश भाग रहा है। ऐसे में वहां पढ़ रहे विद्यार्थियों की पढ़ाई का बहुत ही नुकसान हुआ है। ऐसे में हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने यूक्रेन से लौटे हरियाणा के मेडिकल विद्यार्थियों (Medical Students) की पढ़ाई पूरी कराने का जिम्मा उठाया है। इसके लिए मनोहर सरकार ने कोशिशें शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने व विद्यार्थियों की अधूरी पढ़ाई पूरी कराने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखा है।
पत्र में सीएम ने लिखा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों सहित इन छात्रों के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (medical council of india) को उचित दिशा-निर्देश जारी करें। बता दें कि यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के चलते केंद्र सरकार ने आपरेशन गंगा के तहत इन छात्रों की वतन वापसी सुनिश्चित कराई थी।
वापसी के बाद विद्यार्थी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति बहुत ही आभारी हैं। लेकिन फिलहाल बीच में छूट चुकी उनकी मेडिकल की पढ़ाई चिंता का विषय बनी हुई है। इसके लिए छात्रों ने हरियाणा सरकार से आगे की पढ़ाई नजदीकी मेडिकल कालेजों में कराने की मांग को लेकर डीसी के माध्यम से ज्ञापन तक भेजे।
बीते दिनों यूक्रेन से लौटे इन विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव अजय गौड़ और परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा से भी मुलाकात की थी। जिसके बाद यह मामला मुख्यमंत्री मनोहर लाल तक पहुंचा। यह विद्यार्थी चाहते हैं कि मेडिकल की खाली सीटों पर उन्हें प्रवेश दिया जाए।
यूक्रेन में पढ़ाई करने वाले कोलकाता के विद्यार्थियों को वहां की सरकार मेडिकल कालेजों में दाखिला दिला चुकी है। लेकिन अभी तक हरियाणा के विद्यार्थियों के बारे में कोई फाइनल निर्णय नहीं हो पाया है। यूक्रेन में अधूरी पढ़ाई छोड़कर लौटे सिमरनजीत कौर, अभिषेक, पारस गांधी, जिशान मान, नमन बंसल, अभिषेक वर्मा, दिनेश कुमार और हर्षबर्धन का कहना है कि जब तक यूक्रेन में हालात सामान्य नहीं हो जाते, तब तक हरियाणा सरकार हमें आगे की पढ़ाई कराने पर विचार करे। विद्यार्थियों की इसी मांग के मद्देनजर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है।
अंधकार में लग रहा भविष्य-छात्र
फतेहाबाद की छात्रा सुप्रिया का कहना है कि उनकी यूनिवर्सिटी चूंकि युद्ध प्रभावित क्षेत्रों से दूर हैं। इसलिए हमारी ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। मगर जो यूनिवर्सिटी यूक्रेन की राजधानी के नजदीक हैं। वहां की यूनिवर्सिटी ने अभी ऑनलाइन कक्षाएं भी शुरू नहीं की हैं। इससे अंतिम वर्ष के छात्रों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है।
पानीपत के जगदीश नगर निवासी अनिल कीव इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस करने के लिए गया था। प्रथम ईयर में ही दाखिला लिया। छः माह ही हुए थे कि यूक्रेन-रूस में युद्ध हो गया। मुश्किल से जान बचाकर वापस आया। अब न तो उनकी आनलाइन क्लास लग रही है और न कोई जवाब मिल रहा है।
अनिल ने कहा कि पढ़ाई से संबंधित सभी प्रमाण पत्र यूनिवर्सिटी में जमा है। वहां अभी हालात सामान्य होते नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में हरियाणा और केंद्र सरकार को हमारी चिंता करनी चाहिए।
आनलाइन क्लास के साथ प्रैक्टिकल भी जरूरी
पानीपत के तहसील कैंप के विष्णु कालोनी निवासी एडवोकेट नरेंद्र ने बताया कि उजोरोड यूनिवर्सिटी से बेटी लीशा एमबीबीएस कर रही हैं। तृतीय ईयर में थी। तभी अचानक युद्ध हो गया। बेटी यहां आ गई। तब से आनलाइन क्लास तो लगातार जारी है।
प्रैक्टिकल भी जरूरी है। तभी अच्छा डाक्टर बन पाएंगी। नरेंद्र ने अपने स्तर पर एक निजी अस्पताल में प्रैक्टिकल के लिए भेजना शुरू किया है। लेकिन उसके भविष्य को लेकर मन में चिंता भी बनी हुई है।
हरियाणा को खिलाड़ियों की भूमि कहा जाता है। देश में सबसे ज्यादा पदक हरियाणा के…
आप सभी जानते ही हैं अब चुनाव का विगुल बज चुका है। सभी पार्टियों ने…
जब भी जनहित की बात आती है, तो हरियाणा सरकार कई बदलाव करते हुए नजर…
UPSC Results: ब्राजील से अपने माता-पिता को छोड़ एक लड़की UPSC की परीक्षा में सफलता…
हरियाणा सरकार जनता के लिए हमेशा कुछ ना कुछ अच्छा करती रहती है। जिससे कि…