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32 साल बाद पूरी हुई हरियाणा के इस जिले की मांग, बनने का रहा है यह नया एयरपोर्ट

हरियाणा में विकास कार्य तेजी से जारी हैं। 32 साल बाद बाछौद हवाई पट्टी (Bachhod Airstrip) के दिन बदलने वाले हैं। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला (Deputy CM) ने कहा कि इस पट्टी को एयरपोर्ट में तब्दील किया जा रहा है। एयपोर्ट के लिए 200 एकड़ से अधिक जमीन अधिगृहीत करने का प्रोसेस शुरू (Land acquisition process begins) कर दिया गया है। बाछौद, मिर्जापुर और भिलवाड़ा गांव (Bhilwara Village) की जमीन अधिग्रहण की जाएगी। 

हवाई पट्टी पर एक नया हैंगर (hangar) बनाया जाएगा। वहीं आधुनिक उपकरणों (modern equipment) से इसे सुसज्जित किया जाएगा। हैंगर में फायर फाइटिग सिस्टम (fire fighting system) लगाया जा चुका है।

नए हैंगर के साथ रनवे (runway) की लाइटिग, एयरोड्रम व्हीकल और लैंडिग-टी (landing tee) बनाया जाना प्रस्तावित है। इसमें रनवे (runway) की मार्किग के साथ ही नया पीटीटी (Parallel Taxi Track) बनाया जाएगा ताकी इससे बड़े विमान (big plane) आसानी से यहां पर उतर सकेंगे।

चार्टेड प्लेन चलाने की योजना

यहां आने वाले समय में नारनौल से दिल्ली (Narnaul to Delhi) और जयपुर के लिए चार्टेड प्लेन (chartered plane) चलाएं जाएंगे।  इससे जयपुर से दिल्ली जाने में आसान हो जाएगी। फिलहाल इस हवाई पट्टी पर चार एमआरओ (MRO) शुरू हो चुके हैं। वहीं इस हवाई पट्‌टी पर पायलट ट्रेनिंग स्कूल (pilot training school) स्थापित किया जा रहा है। यहां पर आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी तो देश के अन्य एयर आपरेटर (air operator) भी यहां आएंगे।

एअर क्राफ्ट की मरम्मत का कार्य हुआ शुरू

यहां कास्टेक एयरोस्पेस प्रावइेट लिमिटेड (Castek Aerospace), रेडबर्ड एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड (Redbird Airways) , आलकेमिस्ट एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड (Alchemist Airways) और पायनियर फ्लाइंग एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड (Pioneer Flying) द्वारा यहां पर छोटे एअर क्राफ्ट (air craft) की मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है। आने वाले समय में और भी अन्य विमान कंपनियां यहां आने वाली हैं।

इलाके का होगा विकास

एयरपोर्ट बनने से जाहिर है कि आने वाले समय में हवाई गतिविधियों (aerial activities) के लिए नारनौल (Narnaul) एक बड़ा केंद्र बन जाएगा। इससे जहां प्रदेश के युवाओं को रोजगार (employment) मिलेगा तो दक्षिण हरियाणा (South Haryana) के विकास के द्वार खुलेंगे। 

यहां दी जाएगी पायलट ट्रेनिंग

इस एयपोर्ट पर एफएसटीसी (Flight Simulation Technology Center) द्वारा शुरू किए जा रहे पायलट ट्रेनिंग स्कूल द्वारा एपीएल (airlines pilot) और सीपीएल (commercial pilot) तैयार किए जाएंगे। इसके लिए इंटिग्रेडिट एवियशन हिसार (Integrated Aviation Hisar) और ज्वाइंट वर्किग ग्रुप की टीम सहयोग करेगी।

इन विमानों को उड़ाने की दी जाएगी ट्रेनिंग

अगले दशक के दौरान भारतीय वाहकों (Indian carriers) के करीब 1000 विमानों को जोड़ने की उम्मीद है। यह संख्या बहुत बड़ी हैं और इसलिए प्रशिक्षित भारतीय पायलटों (trained Indian pilots) की आवश्यकता पड़ेगी। एक अनुमान के मुताबिक एयरलाइन द्वारा जोड़े गए प्रत्येक नए विमान को 16 पायलटों (8 Commanders and 8 First Officers) के चालक दल की आवश्यकता पड़ती है। 

इसका मतलब है कि भारतीय वाहकों को  मतलब इतनी संख्या में विमानों का संचालन (piloting of aircraft) करना है, तो उन्हें आने वाले दशक में 8000 पायलटों (pilots) की एक रेडीमेड पाइपलाइन की आवश्यकता पड़ेगी। वहीं नए पायलट को प्रशिक्षण (Training) देना एक लंबी प्रक्रिया है और इसमें 1.5 से 2.5 साल का समय लगता है। जिसके दौरान एक कैडेट अपना CPL training पूरा करता है और उसके बाद एक विशेष प्रकार के विमान यानी ए320, बी737, एटीआर72-600, बांबार्डियर डैश-8 को उड़ाने के काबिल होता है।

तेजी से हो रहा है काम

इस रनवे विस्तार का कार्य जल्द शुरू होने वाला है और इस हवाई पट्टी को एयरपोर्ट (airport) के रूप में विकसित करना है। 200 एकड़ से अधिक जमीन अधिगृहीत (land acquired) करने का काम शुरू हो गया है। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला इसके विस्तार को लेकर गंभीरता से का कर रहे हैं। इस हवाई पट्टी पर हो रहे कार्यों का निरीक्षण (Supervision) करने के लिए जल्द ही उनके आने की संभावना है। – सुरेश कुमार, मैनेजर हवाई पट्टी बाछौद

एक ट्रैक पर खड़े होंगे पांच जहाज

हवाई अड्डा विस्तारीकरण (airport expansion) के लिए run-way की लंबाई 3400 से बढ़ाकर 5500 फुट की जाएगी। एक अलग से पैरलल टैक्सी ट्रैक (ppt) कंकरीट का बनाया जा रहा है। इस ट्रैक पर जहाज खड़े रहेंगे और उड़ान के लिए घूम कर रन-वे (run-way) पर पहुंचेंगे।

इस ट्रैक पर लगभग चार-पांच जहाज एक साथ खड़े हो सकेंगे। वहीं इसके अलावा आने वाले उपकरणों को इंस्टाल (इंस्टाल ) किया जाएगा। इसके अलावा एक हैंगर बनाया जाएगा, जिसके अंदर जहाज सुरक्षा दृष्टि (security point of view) से खड़े रह सकेंगे। दूसरी ओर हवाई जहाज की मरम्मत के लिए अलग से गैरिज भी बनाया जाएगा।

Rajni Thakur

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