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अब हरियाणा के किसानों को मिलेगी आलुओं की हाई क्वालिटी की पौध, विदेशी कंपनी के साथ हुआ एग्रीमेंट

अब हरियाणा में किसानों को आलुओं की बेस्ट क्वालिटी के बीज उपलब्ध कराए (Quality seeds of improved heat resistant varieties of potatoes) जायेंगे। इसके लिए विदेशी कंपनी के साथ एक एग्रीमेंट भी साइन किया गया है। बता दें कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और पेरू देश के अंतर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र के बीच सहयोग (An agreement between Ch. Charan Singh Haryana Agricultural University and International Potato Center of Peru) के लिए एक अनुबंध हुआ है।

इसके अनुसार हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र से आलू की उच्च गुणवत्ता युक्त पौध सामग्री (High quality planting material of potatoes) प्राप्त करके उसका संवर्धन करेगा और प्रदेश के किसानों को उपलब्ध करवाएगा।

कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज की उपस्थिति में विश्वविद्यालय की ओर से अनुसंधान निदेशक डॉ. जीत राम शर्मा जबकि अंतरराष्ट्रीय आलू केन्द्र की ओर से एशिया के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. समरेन्दू मोहंती ने अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए। समझौते पर हस्ताक्षर करते समय मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. मंजु महता, ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, सब्जी विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. टी.पी. मलिक, डॉ. जयंती टोकस सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

इस दौरान कुलपति ने कहा कि हरियाणा को आलू गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन केन्द्र बनाना उनका उद्देश्य है। इससे किसानों को गुणवत्तापूर्ण रोग मुक्त आलू का बीज उपलब्ध हो सकेगा। इससे आलू के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि के साथ इसके अंतर्गत क्षेत्र में भी वृद्धि होगी जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आमदनी बढ़ेगी और प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

समझौते के तहत अंतर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र द्वारा विकसित आलू की उत्पादन व रोग प्रतिरोधकता में दक्षिण अफ्रीका जैसे गर्म देश में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली किस्मों का बीज प्राप्त करके उसका परीक्षण और संवर्धन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्रौद्योगिकियों और विधियों को सांझा करने के साथ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों का क्षमता निर्माण भी किया जाएगा।

आलू की 16 किस्में की विकसित

प्रो. काम्बोज ने बताया कि अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत विश्वविद्यालय ने अब तक आलू की 16 किस्में विकसित की हैं। इनमें से कुफरी बादशाह, कुफरी बहार, कुफरी सतलुज, कुफरी पुष्कर, कुफरी ख्याति और कुफरी पुखराज आदि शामिल हैं और यह किस्में हरियाणा में बहुत फेमस है। उन्होंने बताया वर्ष 2020-21 दौरान हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कुफरी बहार और कुफरी पुष्कर किस्मों का 401.73 क्विंटल बीज उत्पादन किया गया था।

20 से अधिक केन्द्रों पर हो रहा शोध

पेरू की राजधानी लीमा स्थित अंतरराष्ट्रीय आलू केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. समरेन्दू मोहंती ने बताया कि आलू, शकरकंद और कंदों पर अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के 20 से अधिक देशों में यह केंद्र शोध कार्य कर रहा है।

Rajni Thakur

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