देश में फैली इस महामारी के वक्त में लोग एक दूसरे की मदद कर इंसानियत की मिसाल पेश कर रहे हैं। तो दूसरी ओर कुछ ऐसे भी नफाखोर अस्पताल हैं जो खुद के फायदे के लिए मरीज के रिश्तेदारों तक को नहीं छोड़ रहे। ऐसा ही वाकया गुजरात के वलसाड़ जिले में सामने आया है। यहां रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है कि एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर ने उनके रिश्तेदार की मौत के बाद डेड बॉडी देने से इनकार कर दिया।
अस्पताल की मांग थी कि पहले अस्पताल का पूरा बिल दें, उसके बाद ही डेड बॉडी मिलेगी। जब परिजनों ने अपनी मजबूरी बताई तो अस्पताल प्रशासन ने उनकी गाड़ी गिरवी रख ली।
बताया जा रहा है कि पीड़ित में कोरोना के लक्षण नजर आने के बाद उन्हें वापी के 21 सेंचुरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां मरीज का इलाज हुआ, लेकिन मंगलवार को उन्होंने दम तोड़ दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृतक के परिवार के पास सिर्फ गाड़ी थी। ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने उसे गिरवी रखने के बाद ही शव सौंपा। इसके बाद परिजन शिकायत लेकर पुलिस थाने पहुंच गए।
पुलिस हॉस्पिटल पहुंची और दबाव डालकर कार और डेड बॉडी दिलवाई। हॉस्पिटल के तरफ से कहा गया कि मरीज के कहने पर पहले से ही बिल में काफी कुछ कम कर दिया गया था, लेकिन परिजन बिल नहीं चुकाना चाहते थे।
वैसे ही पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। लोग महामारी की चपेट में आते जा रहे है ऐसे में अस्पताल का शर्मनाक हरकत देख हैरानी की बात है।
इस महामारी में हर किसी को एक दूसरे के लिए सहयोग करना चाहिए, चाहे वो आम इंसान हो या डॉक्टर। हम बस इतना ही कहेंगे कि इस महामारी में घर में रहे, सतर्क रहें और सावधान रहें।
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