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खुशखबरी, हरियाणा में 11000 टीचरों को मिलेगी नौकरी, सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही

अध्यापक स्थानांतरण नीति पर राजनीति कर रही है कांग्रेस, मुख्यमंत्री

कोई स्कूल बंद नहीं किया, कुछ मर्ज किए हैं – मुख्यमंत्री

राज्य में 11,000 शिक्षकों की होगी भर्ती – मनोहर लाल

प्रत्येक छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता – मुख्यमंत्री

सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है – मनोहर लाल

चंडीगढ़, 25 अगस्त- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने स्कूलों को बंद करने और शिक्षकों के रिक्त पदों की खबरों को भ्रामक और निराधार बताया है।

मुख्यमंत्री ने आज यहां आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार न तो किसी स्कूल को बंद करेगी और प्रदेश में शिक्षकों के पद खाली नहीं हैं। राज्य सरकार 11,000 शिक्षकों की भर्ती करेगी, जिनमें से एचपीएससी द्वारा 5000 पीजीटी और एचएसएससी द्वारा 6000 टीजीटी की भर्ती की जाएगी। नियमित भर्ती होने तक अध्यापकों की भर्ती कौशल रोजगार के माध्यम से करवाने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी। पिछले 8 वर्षों में हमने 8,600 पीजीटी और टीजीटी की भर्ती की है।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे पीआरटी शिक्षकों के मामले का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उन शिक्षकों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि ये सभी शिक्षक योग्य हैं और सरकार ऐसे शिक्षकों को नई भर्ती प्रक्रिया में भर्ती करने पर भी विचार कर सकती है। इन शिक्षकों ने पदों के विज्ञापित होने के बाद एचटीईटी परीक्षा उत्तीर्ण की थी, जिसके कारण उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाया गया था।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण शिक्षकों के ऑनलाइन स्थानांतरण की प्रक्रिया रुकी हुई थी। इस दौरान कई शिक्षक सेवानिवृत्त हुए और कई पदोन्नत हुए। अब राज्य सरकार ने फिर से स्थानांतरण अभियान शुरू किया है और 90 प्रतिशत से अधिक शिक्षक ऑनलाइन स्थानांतरण से संतुष्ट हैं।

उन्होंने कहा कि जब कुछ विद्यालयों में शिक्षक स्थानांतरण नीति का कार्य रुका तो विद्यार्थियों की संख्या की तुलना में शिक्षकों की संख्या में कमी आई, जबकि कुछ विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या की तुलना में शिक्षकों की संख्या अधिक थी। इसलिए शिक्षक छात्र अनुपात यानी 30:1 के अनुसार शिक्षकों का युक्तिकरण अनिवार्य हो गया।

उन्होंने कहा कि जब हमने इस साल फिर से ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू की तो हमने पाया कि 117 सरकारी माध्यमिक विद्यालय थे, जिनमें कोई शिक्षक नहीं था और 2,000 से अधिक पीजीटी ऐसे उच्च विद्यालयों में कार्यरत थे जहां कक्षा नौंवी और दसंवी में केवल एक या दो सेक्शन थे, इसलिए शिक्षकों को कार्यभार के अनुसार युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया गया है।

कांग्रेस के कार्यकाल में 509 स्कूलों का हुआ विलय

स्कूलों के विलय पर शोर मचाने पर विपक्ष पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में 509 स्कूलों का विलय हुआ था, जबकि हमारे कार्यकाल में 120 स्कूलों का ही विलय हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विलय के बाद सीनियर सेकेंडरी स्कूल की संख्या 2304, हाई स्कूल की 1027, मिडिल की 2122, प्राइमरी की 4184 है। कांग्रेस के विपरीत, हमने इन मर्ज किए गए स्कूलों को कभी भी निष्क्रिय नहीं छोड़ा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा देश में एक बच्चे की शिक्षा पर सर्वाधिक राशि खर्च कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने स्कूलों के नाम पर राजनीति की। वे अपने कार्यकाल में एक ही भवन में 4-4 स्कूल चलाते थे। एक ही भवन में चल रहे इन स्कूलों के लिए सिर्फ पद सृजित करने के लिए चार अलग-अलग प्रमुख नियुक्त किए गए थे। हमने ऐसे स्कूलों का विलय किया है और अब केवल एक ही मुखिया द्वारा चलाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने स्कूलों का विलय करने और स्कूल प्रमुख की जिम्मेदारी हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक को सौंपने का निर्णय लिया है।

सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मॉडल संस्कृति स्कूलों में भी दखिले में संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। राज्य सरकार ने प्रदेशभर में 500 मॉडल संस्कृति स्कूल खोलने की योजना बनाई है।

चिराग योजना गरीब छात्रों के लिए वरदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लागू की गई चिराग योजना उन गरीब छात्रों के लिए वरदान साबित हो रही है जो निजी स्कूल में पढ़ना चाहते हैं।

इस योजना के तहत, सरकार दूसरी से पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों के लिए निजी स्कूलों को 700 रुपये दे रही है, जबकि छठी से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों के लिए 900 रुपये और 9वीं से 12वीं के लिए 1100 रुपये का भुगतान कर रही है। यह राशि प्रति छात्र प्रति माह दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अब तक लगभग 381 निजी स्कूलों ने 24987 सीटों पर छात्रों को प्रवेश देने के लिए अपनी सहमति दी है, जिनमें से लगभग 2500 बच्चों का दखिला हो चुका है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डीएस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल सहित संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिव मौजूद रहे।

Anila Bansal

I am the captain of this ship. From a serene sunset in Aravali to a loud noisy road in mega markets, I've seen it all. If someone asks me about Haryana I say "it's more than a city". I have a vision for my city "my Haryana" and I want people to cherish what Haryana got. From a sprouting talent to a voice unheard I believe in giving opportunities and that I believe makes a leader of par excellence.

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