Categories: कुछ भी

हरियाणा की गोल्‍डन गर्ल का अनोखा संघर्ष, कर्ज लेकर वर्ल्‍ड चैंपियनशिप गई, अब मजदूरी से चुका रही है किस्‍त

स्ट्रेंथ लिफ्टिंग की गोल्डन गर्ल कही जाने वाली हरियाणा की सुनीता और उसके परिवार के संघर्ष की कहानी अनोखी है। यह कहानी गरीबी और बुरे हालात के बीच अपनी मंजिल हासिल करने की है। लेकिन, खेल और‍ खिलाडि़याें के दावे पर सवाल भी उठाती है। विश्‍व चैंं‍पियनशिप में स्‍वर्ण पदक जीतने वाली यह बेटी अब मजदूरी करने को मजबूर है। न सरकार की ओर से हाथ बढ़ाया गया है और न सामाजिक संगठन उनकी मदद को आगे आए हैं। ऐसे में यह खेल प्रतिभा संकट के दौर से गुजर रही है। सुनीता कर्ज लेकर विश्‍व चैंपियनशिप में भाग लेने कर्ज लेकर गई और अब मजदूरी कर इस कर्ज की किस्‍त चुका रही है।

यूरोपियन वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए नहीं राशि, लेकिन जाने की है जिद



सुनीता रोहतक जिले के सीसर गांव की स्ट्रेंथ रहनेवाली हैं। सुनीता के घर की हालत देख कर उसके परिवार की हालत का अंदाजा आसनी से लगाया जा सकता है। जर्जर घर में चूल्हा भी मजदूरी से जलता है। इसके बावजूद सुनीता का हौसला और लक्ष्य बड़ा है। उन्‍होंने महज तीन साल में ही 20 से अधिक मेडल जीत कर देश व प्रदेश का गौरव बढ़ाया है, लेकिन विडंबना यह है कि यह होनहार खिलाड़ी माता-पता के साथ मजदूरी करने पर मजबूर है।

कर्ज लेकर भेजा थाईलैंड, बेटी ने जीत लिया गोल्ड



सुनीता महम कालेज में बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रही है। घर का खर्च चलाने के लिए माता-पिता के साथ मजदूरी भी कर रही है। लेकिन, स्ट्रेंथ लिफ्टिंग में देश गौरव बढ़ाने की जिद भी है। सुनीता के माता-पिता ने कर्ज लेकर बेटी को फरवरी 2020 में थाईलैंड के बैंकाक में हुई विश्वस्तरीय प्रतियोगिता में खेलने भेजा। बेटी ने अपनी प्रतिभा दिखाई और गोल्ड मेडल जीत कर देश का मान बढ़ाया था।

कजाकिस्तान में विश्वस्तरीय प्रतियोगिता पर संशय



सुनीता बताती हैं कि पिछले साल का कर्ज अब तक भी अभिभावक नहीं उतार पाए हैं। ऐसे में अब इसी साल कजाकिस्तान में होने वाली विश्वस्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने को लेकर वह संकट पैदा हो गया है। एक से पांच अक्टूबर तक होने वाली विश्वस्तरीय चैंपियनशिप के लिए लाकडाउन में वह घर पर रहकर ही तैयारी कर रही हैं। चैंपियनशिप के लिए जुलाई में रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा। उसके लिए लगभग डेढ़ लाख का खर्च होगा। लेकिन इस बार अभिभावक कर्ज लेने की हालत में नहीं हैं।

बेटी ने हर बार बढ़ाया है मान



सुनीता की माता जमना व पिता ईश्वर ने कहा कि वर्ष पिछले उन्होंने ब्याज पर लाखों रुपये उठाकर बेटी को खेलने भेजा था। हालांकि बेटी ने गोल्ड जीतकर देश का मान बढ़ाया, लेकिन लाकडाउन में अब दिहाड़ी भी नहीं मिल पा रही है। पिछले ब्याज की रकम भी नहीं दी जा सकी है। सरकार से भी कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है। वे मजदूरी करते हैं। सुनीता भी शादी ब्याह में मजदूरी करती है। ऐसे में उनके सामने आर्थिक संकट बना हुआ है।

अब जीत चुकी हैं ये मेडल :



– जून 2018 में 52 किलाग्राम भार में राज्यस्तर पर बहादुरगढ़ में गोल्ड मेडल।

– जून 2019 में सोनीपत में राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल।

– अक्टूबर 2019 में लोहारू में राज्यस्तरीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल।

– अक्टूबर 2019 में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में हुई नार्थ इंडिया चैंपियनिशप में गोल्ड मेडल।

– फरवरी 2019 में छत्तीसगढ में हुई राष्टीय स्तर की चैंपियनिशप में भी गोल्ड मेडल।

Anila Bansal

I am the captain of this ship. From a serene sunset in Aravali to a loud noisy road in mega markets, I've seen it all. If someone asks me about Haryana I say "it's more than a city". I have a vision for my city "my Haryana" and I want people to cherish what Haryana got. From a sprouting talent to a voice unheard I believe in giving opportunities and that I believe makes a leader of par excellence.

Recent Posts

Faridabad के DPSG School ने आयोजित किया DPSG Cup, 4000 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा

हरियाणा को खिलाड़ियों की भूमि कहा जाता है। देश में सबसे ज्यादा पदक हरियाणा के…

4 months ago

अगर देश को बचाना है तो भाजपा को वोट दें:  Faridabad भाजपा लोकसभा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर

आप सभी जानते ही हैं अब चुनाव का विगुल बज चुका है।  सभी पार्टियों ने…

4 months ago

Haryana के टैक्सी चालक के बेटे ने Clear किया UPSC Exam, पिता का सपना हुआ पूरा

भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी परीक्षा होती है। जिसमें लोगों को…

5 months ago

अब Haryana के इन रूटों पर वंदे भारत समेत कई ट्रेनें दौड़ेंगी 130 की स्पीड से, सफर होगा आसान

हरियाणा सरकार जनता के लिए हमेशा कुछ ना कुछ अच्छा करती रहती है। जिससे कि…

9 months ago