महामारी की दूसरी लहर पूरे ऐश में आफत बन कर आयी है। भारत के राजधानी समेत देश के कई बड़े शहरों कहर बरपा रही है। रोज हजारों की संख्या में मौंते हो रही हैं लेकिन आज एक ऐसे डीएम के बारे में बता रहे हैं जिसने समय रहते भांपकर महाराष्ट्र के नंदुरबार में दिसंबर से ही कारगर सिस्टम खड़ा करने की तैयारी शुरू कर दी थी जो आज काफी कामयाब है। बेहद पिछड़े और आदिवासी बहुल नंदुरबार जिले ने पिछले साल महज 20 बेड्स के बूते कोविड से जंग शुरू की थी।
आज यहां अस्पतालों में 1,289 बेड्स, कोविड केयर सेंटरों में 1,117 बेड्स और ग्रामीण अस्पतालों में 5620 बेड्स के साथ महामारी को काबू में करने के लिए मजबूत हेल्थकेयर सिस्टम खड़ा है।
पीएचसी, स्कूलों, हॉस्टलों, सोसाइटियों और मंदिरों तक में बेड्स मुहैया करा दिए गए हैं। यही नहीं, 7,000 से ज्यादा आइसोलेशन बेड्स और 1,300 आईसीयू बेड्स भी उपलब्ध हैं। यहीं नहीं नंदुरबार में आज खुद के ऑक्सीजन प्लांट है।
इस वजह से यह जिला किसी पर निर्भर नहीं है। डीएम डॉ. राजेंद्र भरुड़ की रेल मंत्री पीयूष गोयल, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे और बायोकॉन चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ ने तारीफ की है। वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने पूरे महाराष्ट्र में नंदुरबार मॉडल को अपनाने की घोषणा की है।
आपको बता दे कि 2013 बैच के आईएएस अधिकारी और मुंबई के केईएम अस्पताल से एमबीबीएस करने वाले डॉ. राजेंद्र भरुड ने महामारी की दूसरी लहर की आहट समय रहते भांपकर दिसंबर से ही कारगर सिस्टम खड़ा करने की तैयारी शुरू कर दी थी।
महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में महामारी की दूसरी लहर के बाद अब नए मामलों में 75 फीसदी की कमी दर्ज़ की गई है और इसके श्रेय जिले के जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र भारुड को दिया जा रहा है।
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