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दिल्ली में जल्द होगा 6 लेन रोड का निर्माण, आनंद विहार से लेकर हरियाणा तक हर जगह से होगा कनेक्शन

देश की राजधानी को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने वाली बड़ी योजनाओं में शामिल ईस्ट-वेस्ट व नार्थ-साउथ कॉरिडोर योजना पर अब दिल्ली सरकार फिर से काम शुरू करेगी। इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को निर्देश दिए हैं।

रेलवे की ओर से इस योजना को एनओसी भी दे दी गई है। करीब दो साल पहले पीडब्ल्यूडी ने मंजूरी के लिए इसे यूटिपेक (UTTIPEC) में भेजा था।

इसके बाद परियोजना के बीच आ रही जमीन को लेकर यूटिपेक (यूनीफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग सेंटर) ने जानकारी मांगी थी। यह जानकारी पीडब्ल्यूडी ने यूटिपेक को सौंप दी है।

सरकार के निर्देश के बाद परियोजना की अनुमति को लेकर पीडब्ल्यूडी ने कुछ दिन पहले यूटिपेक से संपर्क किया है और अनुरोध किया है कि परियोजना से संबंधित अगर अन्य कोई जानकारी चाहिए तो बताया जाए, उसे भी शीघ्र ही उपलब्ध करा दिया जाएगा।

आनंद विहार से हरियाणा तक बनेगा छः लेन का कॉरिडोर

ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर योजना के तहत दिल्ली के पूर्वी छोर से पश्चिमी छोर यानी आनंद विहार से हरियाणा बार्डर तक करीब 39 किलोमीटर लंबा व छः लेन का सिग्नल फ्री कॉरिडोर बनाया जाना है।

विकास मार्ग, अक्षरधाम मंदिर के पास से होते हुए आईटीओ से गुजरकर नई दिल्ली स्टेशन और वहां से पंजाबी बाग व पीरागढ़ी होते हुए टीकरी बॉर्डर तक इसका रूट है।

वर्तमान में इस सफर में दो घंटे तक का समय लग जाता है, जबकि नया कॉरिडोर बनने के बाद एक घंटे से भी कम का समय लगेगा।

वजीराबाद को इंदिरा गांधी हवाई अड्डे से जोड़ेगा यह कॉरिडोर

आप सरकार के समय कॉरिडोर का विचार अस्तित्व में आया। यह कॉरिडोर वजीराबाद को इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से जोड़ देगा। उत्तरी दिल्ली में यह सिग्नेचर ब्रिज से शुरू होगा और जखीरा, पंखा रोड और द्वारका होते हुए हवाई अड्डे तक जाएगा।

धरातल पर नहीं उतर पाई परियोजना

इसकी लंबाई 28 किलोमीटर होगी, जिसमें छः किमी लंबी सुरंग भी शामिल है। जखीरा और पंखा रोड के बीच इस सुरंग को बनाया जाएगा। इसे पहले इसे 2021 में पूरा किया जाने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन यह परियोजना अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई है।

छः हजार करोड़ की राशि होगी खर्च

पहले चरण में आनंद विहार से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक काम होना है। इस पर छः हजार करोड़ की राशि खर्च होनी है। रेलवे लाइन से पंद्रह मीटर की दूरी पर कॉरिडोर का निर्माण होना है। पूरे कॉरिडोर में प्रत्येक पांच से सात किमी दूरी तय करते ही गाड़ी को चढ़ने या उतरने की सुविधा भी दी जानी है।

साल 2008 में हुई थी पहली बार चर्चा

इस परियोजना पर पहली बार चर्चा साल 2008 में हुई थी। उस समय इसे राष्ट्रमंडल खेलों की योजनाओं में शामिल किया गया था। बाद में साल 2011-2012 में दोबारा इस पर चर्चा शुरू हुई। उस समय इस योजना को बीआरटी कॉरिडोर में शामिल किया गया था, लेकिन यह आगे नहीं बढ़ सकी। 2015 में इस पर एक बार फिर केजरीवाल सरकार ने काम शुरू किया।

Anila Bansal

I am the captain of this ship. From a serene sunset in Aravali to a loud noisy road in mega markets, I've seen it all. If someone asks me about Haryana I say "it's more than a city". I have a vision for my city "my Haryana" and I want people to cherish what Haryana got. From a sprouting talent to a voice unheard I believe in giving opportunities and that I believe makes a leader of par excellence.

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