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अब आपकी शिकायत भी जा सकती है सीधे सीएम तक, इतनी समस्याओं का हो चुका समाधान

जनता की शिकायतें सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय चंडीगढ़, पहुंचाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा की शुरू की गई सीएम विंडो व उनका ट्विटर हैंडल एक बड़ा समाधान साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल के अनुसार इस प्लेटफार्म पर आई शिकायतों पर तत्काल मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संज्ञान लिया जाता है।

शिकायतकर्ता को उसी दिन सूचित कर दिया जाता है कि आपकी शिकायत प्राप्त हुई है, समाधान होने के बाद आपको पुन: सूचित किया जाएगा। प्रबुद्ध नागरिक की उपस्थिति में आपकी लिखित संतुष्टि के उपरांत ही शिकायत को फाइल किया जाएगा।

भूपेश्वर दयाल ने बताया कि वर्ष 2016 में जब मुख्यमंत्री ने जनता की शिकायतें सीधे उन तक पहुंचाने के लिए यह व्यवस्था आरंभ की थी तो लोगों को अटपटा लग रहा था। परन्तु सूचना प्रौद्योगिकी के युग में आज की युवा पीढ़ी को मुख्यमंत्री की यह व्यवस्था काफी रास आई है।

व्यक्तिगत व सार्वजनिक समस्याओं पर संज्ञान लेते हुए युवा पीढ़ी मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट करती है। उसके उपरांत लगभग एक सप्ताह के अंदर-अंदर अपने रि-ट्विट में समस्या का समाधान करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हैं।

आजकल तो बच्चे ही समस्याएं सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचा देते हैं और समस्या का समाधान होने के बाद परिवार को पता चलता है कि समाधान मुख्यमंत्री कार्यालय से किया गया है।

ओएसडी ने बताया कि महामारी के दौरान तो @Cmohry व @mlkhattar देश-विदेश में लोकप्रिय हुआ है।

उन्होंने बताया कि हाल ही में फतेहाबाद से @dkmehta33, सिरसा से @PawanKa57198633, कैथल से @impankaj_verma व @VinodBanger2, हिसार से @Nareshk06061587, पलवल से  @ravi_rawat22, भिवानी से @RajeshS91120131, गुरुग्राम से @anuj0072006 व @RahulYa63057179 तथा करनाल से @ANILNAR61871343 ने मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट भेजी और जिनका समाधान लगभग एक सप्ताह के अंदर-अंदर करवा दिया गया।

उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ-साथ @PMOIndia, @narendramodi, @anilvijminister, @Dchautala  तथा संबंधित विभाग के प्रभारी मंत्री व जिले के उपायुक्त को रि-ट्विट मैसेज भेजे हैं।  

उन्होंने बताया कि कैथल से 10+2 (Non Medical) की छात्रा असमीत कौर के पिता गुरमीत सिंह ने 30 सितंबर, 2021 को ट्विटर हैंडल पर शिकायत भेजी थी कि स्कूल ने उसकी बेटी को बोर्ड पेपर के लिए नाम भेजने से मना किया है।

इस पर सीएमओ द्वारा संज्ञान लिया गया और उसी दिन साढ़े तीन घंटे में समस्या का समाधान करवा दिया गया और असमीत कौर ने बोर्ड की परीक्षा दी। यह शायद हरियाणा के इतिहास में पहला उदाहरण होगा कि सरकारी कार्यालयों में दी गई शिकायत पर इतनी तत्परता से कार्यवाही हुई है।

Anila Bansal

I am the captain of this ship. From a serene sunset in Aravali to a loud noisy road in mega markets, I've seen it all. If someone asks me about Haryana I say "it's more than a city". I have a vision for my city "my Haryana" and I want people to cherish what Haryana got. From a sprouting talent to a voice unheard I believe in giving opportunities and that I believe makes a leader of par excellence.

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