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बसों को नहीं मिलेगी शहर में एंट्री, जाम का बना मुख्य कारण

जाम को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश में अफसरों ने एक नई पहल शुरू की है। बस अड्डे तक आने वाली बसें अब शहर में प्रवेश नहीं करेंगी। उनको बाईपास से होकर लाया जाएगा। बस अड्डे तक बसों के आने और यहां से जाने का रूट अलग-अलग किया गया है, ताकि एक ही मार्ग पर बसों के आमने-सामने आ जाने से अन्य वाहनों का सफर प्रभावित ना हो। अधिकारियों की बैठक में इसे बुधवार से लागू करने का निर्णय लिया गया है।

शहर के ज्यादातर मार्ग पर जाम के हालात हैं। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। परिवहन विभाग ने जाम का सर्वे कराया। जाम का एक बड़ा कारण शहर के अंदर से बसों का आवागमन होना है।

बसों के कारण लगता है जाम

बसों का आना और जाना एक ही मार्ग से होता है। रेलवे रोड जैसे भीड़-भाड़ वाले बाजारों और कम चौड़ी सड़कों पर इसके कारण अकसर जाम की स्थिति बनी रहती है।

आमने-सामने बसों के आ जाने के कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है। परिवहन विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जाम के कारणों को एक-एक करके दूर किया जाएगा। ऐसे में सबसे पहले बसों के कारण लगने वाले जाम को नियंत्रित करना है।

इसके लिए मंगलवार दोपहर को एएसपी यातायात उपासना सिंह की अध्यक्षता में संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई गई। इसमें बसों के आने और जाने का मार्ग अलग-अलग करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में लिए गए यह निर्णय

बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार बसों को कालूपुर चुंगी से आईटीआई चौक पर लाया जाएगा। यहां बने बाईपास से होते हुए महाराणा प्रताप चौक पर आएगी बस और फिर वहां से नागरिक अस्पताल के सामने से होकर मामा-भांजा चौक होते हुए बस डिपो जाएगी। सुबह और शाम के समय मामा-भांजा चौक पर जाम होने की स्थिति में बसों को सेक्टर के मार्ग से अंदर लाया जाएगा।

यहां से जाएंगी बसें

बस अड्डे से बसों को गीताभवन चौक, सुभाष चौक, एटलस रोड से रोहतक रोड फ्लाईओवर होते हुए कालूपुर चुंगी की ओर भेजा जाएगा। बसों को नियंत्रित करने के लिए आईटीआई चौक पर पुलिस की विशेष तैनाती की गई है।

एक सप्ताह तक होगा ट्रायल

नई व्यवस्था के तहत बसों को एक सप्ताह तक ट्रायल के तौर पर चलाया जाएगा। ऐसे में अगर जाम से राहत मिलती है तो इस व्यवस्था को ही लागू कर दिया जाएगा। यदि उसके बाद भी जाम से ज्यादा राहत नहीं मिली तो बड़े वाहनों को शहर से बाहर ही रोकने की तैयारी की जाएगी।

साथ ही रोडवेज डिपो को शहर से बाहर करने के विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। बैठक में जीएम रोडवेज राहुल जैन, जिला परिवहन अधिकारी मानव मलिक, परिवहन सुरक्षा अधिकारी राजेश मलिक और निजी बसों के आपरेटर्स मौजूद रहे।

बसों का दबाव होगा कम

बसों के प्रवेश और निकास के मार्ग अलग-अलग किए हैं। इससे शहर में एक साथ बसों का दबाव कम होगा। ऐसे में जाम से निजात मिलने की उम्मीद है। यदि इस व्यवस्था के बाद भी जाम लगता है तो दूसरे विकल्पों पर विचार किया जाएगा।

Anila Bansal

I am the captain of this ship. From a serene sunset in Aravali to a loud noisy road in mega markets, I've seen it all. If someone asks me about Haryana I say "it's more than a city". I have a vision for my city "my Haryana" and I want people to cherish what Haryana got. From a sprouting talent to a voice unheard I believe in giving opportunities and that I believe makes a leader of par excellence.

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