कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक 20 नवंबर को होगी। इसमें कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं। इसके अलावा उपलब्ध निवेश विकल्पों पर चर्चा की जाएगी, जिसका उद्देश्य इक्विटी बाजार से लाभ उठाना है। मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि ईपीएफओ अपने अंशधारकों को अधिक से अधिक लाभ देने के लिए कई योजनाओं पर विचार कर रहा है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा विनियमित श्रेणी I और श्रेणी II वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) द्वारा जारी यूनिट्स में निवेश के लिए रास्ता देने के लिए संपत्ति-समर्थित, ट्रस्ट-संरचित और विविध निवेश श्रेणी को इस साल अप्रैल में संशोधित किया गया था।
इस विकल्प के तहत पहले से ही स्वीकार्य श्रेणी में वाणिज्यिक बंधक-आधारित प्रतिभूतियां या आवासीय बंधक-आधारित प्रतिभूतियां, अचल संपत्ति निवेश ट्रस्ट द्वारा जारी इकाइयां, परिसंपत्ति-समर्थित प्रतिभूतियां और बाजार नियामक द्वारा विनियमित बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट की इकाइयां शामिल हैं। ईपीएफओ ने अब तक इन विकल्पों का इस्तेमाल नहीं किया है। बता दें कि InvITs म्यूचुअल फंड की तरह काम करता है।यह मार्केट रेग्युलेटर सेबी के दायरे में है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि ग्राहकों के लिए बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए इसकी आवश्यकता है। उच्च रिटर्न तभी संभव होगा जब निवेश के लिए नए उपकरणों में निवेश किया जाएगा। पिछले दो वित्त वर्ष से ईपीएफओ अपने ग्राहकों को कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में जमा राशि पर 8.5 फीसदी ब्याज दे रहा है। यह कई छोटी बचत योजनाओं से अधिक है।
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