हमारे भारत देश में अंधविश्वास के कई किस्से सुने होंगे, इसी के साथ अब अंधविश्वास भारत में ही सीमित नहीं रह गया बल्कि विदेशों में भी खूब प्रचलित है। जिसका ताज़ा मामला सामने आया है। जिसे सुनने के बाद आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। एक ऐसा मामला पेरू के ट्रुजिलो शहर से सामने आया है। पेरू के तीसरे सबसे बड़े शहर में 140 बच्चों के अवशेष मिले हैं।
नेशनल जियोग्राफिक की रिपोर्ट के मुताबिक पेरू के उत्तरी तटीय क्षेत्र में 551 साल पहले किसी धार्मिक अनुष्ठान के तहत इन बच्चों की बलि दी गई थी। वहीं बच्चों के शवों के अलावा वहां 200 छोटे लामाओं के शव भी मिले हैं जो कि एक प्रकार का जानवर होता है। चिमु सभ्यता के केंद्र के पास पुरातत्वविदों को 140 से अधिक बच्चों के अवशेष मिले हैं। इन अवशेषों में छोटे लामाओं के भी अवशेष हैं।
अवशेषों से पता चला है कि इन बच्चों के दिल को निकालकर बलि दी गई थी। बच्चों के दिल को निकालने के लिए उनकी पसलियों और पेट की दूसरी हड्डियों को काटा गया था कहा जा रहा है कि ये मामला दुनिया में बाल बलि का सबसे बड़ा मामला हो सकता है। पुरातत्वेत्ताओं ने दुनिया के इतिहास में इसे बच्चों की बलि देने की सबसे बड़ी घटना कहा है। यहां पहले भी बच्चों के अवशेष मिल चुके हैं। 2011 में इसी जगह पर 42 बच्चों और 70 लामा के अवशेषों का पता लगा था।
वहीं आर्कियोलॉजिस्ट टीम ने कहा कि जिन 140 बच्चों के कंकाल मिले हैं, उनकी उम्र 5 से 14 साल के बीच है। रिसर्च टीम की मानें तो करीब 551 साल पहले बच्चों की बलि दी गई थी।
नेशनल यूनिवर्सिटी त्रुजिलो में आर्कियोलॉजिस्ट प्रोफेसर गैब्रियर प्रियटो बताते हैं कि बच्चों को एक धार्मिक बलि के रूप में त्याग करना पड़ा क्योंकि वे ही अगले भविष्य का प्रतिनिधित्व करते थे।
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