कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सोमवार को अपने कामकाज को लगभग आधा कर दिया है। न्यायालय द्वारा जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि अब तीन डिवीजन बेंच पर काम जारी रहेगा। जस्टिस ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह, जस्टिस तेजिंदर सिंह ढींडसा और जस्टिस एमएम रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली पीठ ऑड डे पर काम करेगी। वही, न्यायामूर्ति अजय तिवारी, न्यायामूर्ति रितु बाहरी और न्यायामूर्ति जीएस संधावालिया की अध्यक्षता वाली पीठ ईवन डे पर काम करेगी।
मुख्य न्यायाधीश रवि शंकर झा और न्यायामूर्ति अरुण पल्ली की पहली खंडपीठ हर सोमवार, गुरुवार या किसी अन्य दिन अदालत का आयोजन करेगी।
इस आदेश के अनुसार पांच एकल पीठ दीवानी मामलों और रिट याचिकाओं की सुनवाई करेगी और 13 पीठ विषम तरिकों के दौरान आपराधिक मामलों की सुनवाई करेगी। यह आदेश हरियाणा, पंजाब एवं केंद्र शासित प्रदेश में कोविड के बढ़ते मामले को देखते हुए लिया गया है।
महामारी को देखते हुए हरियाणा सरकार ने भी कई सेवाओं पर पाबंदियां लगा दी हैं। हरियाणा के आधे से ज्यादा जिले रेड जोन में शामिल किए गए हैं। इनमें इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी अनावश्यक सेवाओं पर पाबंदियां है।
राज्य में सभी सरकारी तथा प्राइवेट संस्थानों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने की सलाह दी गई है। इस बार रेस्टोरेंट 50 प्रतिशत सीटिंग क्षमता के साथ ही संचालित किए जा सकेंगे। महामारी के संकट से बच्चों को बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने 26 जनवरी तक राज्य के सभी सरकारी, प्राइवेट स्कूल व कॉलेज बंद रहने के आदेश दिए हैं।
प्रदेश सरकार ने सभी से आग्रह भी किया है कि महामारी की गाइडलाइंस का पालन करें। इन दिशा-निर्देशों को महामारी से बचाव के लिए जारी किया गया है। अगर ऐसा नहीं किया तो प्रदेश सरकार पाबंदियों को और भी ज्यादा सख्त कर सकती है।
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