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संपूर्ण विकास की ओर बढ़ रहा हरियाणा का यह जिला, मुख्यमंत्री ने की यह घोषणाएं

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में अरावली व शिवालिक की पहाड़ियों में छोटे-छोटे झरनों के माध्यम से व्यर्थ बह रहे पानी को बांध बनाकर संरक्षित किया जा रहा है ताकि बरसात के मौसम के बाद इस वर्षा जल का उपयोग पेयजल व सिंचाई के लिए सालभर किया जा सके। हरियाणा सरकार सामाजिक सहभागिता के साथ ऐसे बांध बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री रविवार को आकांक्षी जिला रूपांतरण कार्यक्रम के तहत चयनित नूंह जिला के फिरोजपुर झिरका उपमंडल के गांव पाठखोरी में जल सुरक्षा सुनिश्चितीकरण बांध परियोजना के भूमि पूजन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्होंने जल संरक्षण की दिशा में बांध बनाकर उठाये जा रहे कदम के लिए तरुण भारत संघ के प्रयास की सराहना की और इस परियोजना के लिए स्वैच्छिक कोष से 50 लाख रूपए देने की घोषणा भी की।

उन्होंने कहा कि तालाब, बावड़ी और झीलों के संरक्षण के लिए बारिश के पानी का संचय किया जाना चाहिए। गांव पाठखोरी में जल संसाधन बांध जैसी परियोजना को पूरा करने में जनभागीदारी जरूरी है। यह सांझा काम हैं और इससे सभी को फायदा होगा।

मेवात कैनाल से जुड़ेगा नूंह

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में पानी का स्तर बहुत नीचे है और वह भी अब खारा हो गया है, इसलिए सरकार ने इस क्षेत्र में पानी की कमी को दूर करने के लिए इस जिला को 263 करोड़ रूपये की रैनीवेल योजना से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार शरीर में खून का संचालन होता है।

उसी प्रकार धरती मां के लिए पानी की जरूरत है। धरती मां की तड़प को दूर करने के लिए दक्षिणी हरियाणा में पर्याप्त पानी पहुंचाने के लिए सरकार काम रही है। इसी कड़ी में केएमपी एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ यमुना नदी से पानी लेते हुए 200 क्यूसेक क्षमता के साथ मेवात कैनाल बनाई जा रही है।

नूंह के 9 गांवों की जरूरतें होंगी पूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि तरुण भारत संघ की इस परियोजना से जिला के 9 गांवों की पेयजल व सिंचाई की जरूरतें पूरा होंगी। इस बांध के बनने से 224 हेक्टयर मीटर जल का संग्रहण होगा, जोकि एक बड़ा जलाशय बनेगा और इसका सीधा लाभ आमजन को मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस इलाके में पढ़ाई का स्तर बढ़ाने के लिए यहां के बच्चों को शिक्षित करने की दिशा में काम किया जा रहा है। सरकार चाहती है कि यहां के बच्चों को उच्च शिक्षा देकर उनसे यहीं पर अध्यापन कराएं। शिक्षा में इस क्षेत्र आगे आएगा तो निसंदेह इस क्षेत्र का और तेजी से विकास होगा।  

सीएम ने कहा कि हरियाणा के किसी एक विश्वविद्यालय में पर्यावरण से जुड़ा विभाग शुरू किया जाएगा, ताकि उसमें हवा, पानी, जमीन और जंगल आदि प्राकृतिक संसाधनों पर काम प्रभावी तरीके से किया जा सके।

कृषि क्षेत्र में जल संरक्षण जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल की हर बूंद का संरक्षण व सदुपयोग करने के लिए सरकार कृषि क्षेत्र में भी जल संरक्षण को बढ़ावा दे रही है। मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत धान के स्थान पर अन्य फसलों की बिजाई करने पर प्रति एकड़ 7 हजार रूपए किसान को दिए जाते हैं।

उत्तर हरियाणा में धान अधिक उगाया जाता है, इसलिए सरकार का प्रयास है कि वहां से पानी बचाकर इसका सही वितरण करते हुए दक्षिण हरियाणा में लाया जा सके। इस अवसर पर सोहना से विधायक कंवर संजय सिंह, पूर्व विधायक नसीम अहमद, जिला अध्यक्ष नरेंद्र पटेल, तरूण भारत संघ के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह उपस्थित थे।

Rajni Thakur

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