Categories: कुछ भी

हरियाणा में अब सपनों का घर बनाना होगा महंगा, बजट से पहले ही 5 प्रतिशत बढ़ा रेट

शहरों में एकीकृत रेट करने के नाम पर सरकार ने आमजन पर विकास शुल्क की बड़ी मार डाली है। अब शहरी लोगों को कलेक्टर रेट का पांच प्रतिशत के हिसाब से विकास शुल्क देना होगा। नए रेट लागू होने से गरीबों का आशियाना बनाना महंगा हो गया है। नगर निगम, नगर परिषद, व नगर पालिकाओं में भवन प्लान, रिवीजन प्लान, आक्यूपेशन, एनओसी व नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेते समय अब नए रेट के हिसाब से ही विकास शुल्क देना होगा। कलेक्टर रेट का पांच प्रतिशत विकास शुल्क तीन साल पहले वैध की गई कॉलोनियों पर ही लागू था लेकिन अब शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने 18 फरवरी 2022 से इसे शहर की सभी वैध कालोनियों व लाल डाेरा क्षेत्र में इसे लागू कर दिया है।

विभाग के पत्र के अनुसार पुरानी म्यूनिसिपल लिमिट, लाल डोरा, कोर एरिया, वैध कालोनी, नोटिफाई कालोनी में रिहायशी, वाणिज्यिक, संस्थागत व औद्योगिक के लिए विकास शुल्क के ये नए रेट ही लागू होंगे। इससे स्थानीय निकायों की आमदनी तो काफी बढ़ जाएगी लेकिन आमजन की जेब पर विकास शुल्क के नए रेट भारी पड़ेंगे।

बहादुरगढ़ के आर्किटेक्ट संदीप वत्स ने बताया कि पहले पुरानी कॉलोनियों में 120 रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से रेट था। वर्ष 2014 में वैध हुई कालोनियों का 50 रुपये और 2017 में पास हुई कॉलोनियों से कलेक्टर रेट पर पांच प्रतिशत के हिसाब से विकास शुल्क लिया जाता था। लाल डोरा में रहने वाले लोगों से विकास शुल्क नहीं देना पड़ता था। लेकिन अब पुरानी कॉलोनियों में भी कलेक्टर रेट का पांच प्रतिशत के हिसाब से विकास शुल्क कर दिया है।

5 गुना बढ़ा विकास शुल्क

उन्होंने बताया कि अगर किसी पुरानी रिहायशी कॉलोनियों का कलेक्टर रेट 10 हजार रुपये प्रति वर्ग है तो वहां पहले 100 वर्ग गज के हिसाब से 12 हजार रुपये विकास शुल्क देना पड़ता था। अब कलेक्टर रेट के पांच प्रतिशत के हिसाब से उसे 50 हजार रुपये विकास शुल्क के देने होंगे। यह सीधे तौर पर आमजन की जेब पर भारी पड़ेगा।

लोगों की जेब पर पड़ा असर

उन्होंने बताया कि अगर किसी पुरानी रिहायशी कॉलोनियों का कलेक्टर रेट 10 हजार रुपये प्रति वर्ग है तो वहां पहले 100 वर्ग गज के हिसाब से 12 हजार रुपये विकास शुल्क देना पड़ता था। मगर अब कलेक्टर रेट के पांच प्रतिशत के हिसाब से उसे 50 हजार रुपये विकास शुल्क के देने होंगे। यह सीधे तौर पर आमजन की जेब पर भारी पड़ेगा।

नए रेट के अनुसार देना होगा विकास शुल्क

शहर में अगर किसी ने विकास शुल्क जमा करा रखा है और वह नगर परिषद से एनओसी, नो ड्यूज सर्टिफिकेट, भवन प्लान या आक्यूपेशन सर्टिफिकेट लेना चाहता है तो उसे अब नए रेट के हिसाब से विकास शुल्क जमा कराना होगा। पहले जमा कराए जा चुके विकास शुल्क राशि नए शुल्क की राशि से घटाकर जो अंतर आता है उसे संबंधित भू-स्वामी को जमा कराना होगा।

उदाहरण के तौर पर अगर किसी ने 100 वर्ग गज के प्लाट के लिए पांच साल पहले पुराने रेट यानी 120 रुपये प्रति वर्ग के हिसाब से 12 हजार रुपये जमा करा रखे हैं और अब उसे नगर परिषद से कोई काम पड़ जाए तो उसे नए रेट के हिसाब से 50 हजार रुपये विकास शुल्क जमा कराना पड़ेगा।

हालांकि उसे पूरे 50 हजार की बजाय 12 हजार रुपये कम होकर 38 हजार रुपये जमा कराने पड़ेंगे, जबकि अब तक ऐसा नियम बिल्कुल भी नहीं था। यानी पहले जिसने भी एक बार विकास शुल्क जमा करा दिया, उसे नए रेट के हिसाब से विकास शुल्क नहीं लिया जाता था। विकास शुल्क एक बार ही देय होता था।

बहादुरगढ़ नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संजय रोहिल्ला ने कहा कि वैध कालोनियों में विकास शुल्क के रेट एकीकृत कर दिए गए हैं। अब लोगों को कलेक्टर रेट का पांच प्रतिशत विकास शुल्क देना होगा। यह रेट लाल डोरा क्षेत्र में भी लागू होगा।

Rajni Thakur

Recent Posts

Faridabad के DPSG School ने आयोजित किया DPSG Cup, 4000 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा

हरियाणा को खिलाड़ियों की भूमि कहा जाता है। देश में सबसे ज्यादा पदक हरियाणा के…

1 day ago

अगर देश को बचाना है तो भाजपा को वोट दें:  Faridabad भाजपा लोकसभा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर

आप सभी जानते ही हैं अब चुनाव का विगुल बज चुका है।  सभी पार्टियों ने…

2 days ago

Haryana के टैक्सी चालक के बेटे ने Clear किया UPSC Exam, पिता का सपना हुआ पूरा

भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी परीक्षा होती है। जिसमें लोगों को…

3 weeks ago

अब Haryana के इन रूटों पर वंदे भारत समेत कई ट्रेनें दौड़ेंगी 130 की स्पीड से, सफर होगा आसान

हरियाणा सरकार जनता के लिए हमेशा कुछ ना कुछ अच्छा करती रहती है। जिससे कि…

4 months ago