नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की ओर से नई गाइडलाइंस जारी की गई है। अब होटल, रेस्टोरेंट व ढाबे NGT के दायरे में आएंगे। NGT की ओर से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक शौचालयों की व्यवस्था से लेकर ठोस व तरल कचरा प्रंबधन की जिम्मेदारी होटलों व रेस्टोरेंट की होगी। डिस्ट्रिक डेवलपमेंट प्लानिंग ऑफिसर (DDPO) को इसके लिए सदस्य सचिव नियुक्त किया जाएगा। यदि कोई होटल या रेस्टोरेंट इन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पाया गया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए जांच का जिम्मा DDPO को सौंपा गया है। होटलों और रेस्टोरेंट को इन गाइडलाइंस संबंधी सूचना देने की जिम्मेदारी DDPO को दी गई है।
NGT ने होटलों के साथ-साथ मैरिज पैलेस को भी इस दायरे में शामिल किया है। इसके तहत होटल में महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था होनी चाहिए। यदि किसी होटल या रेस्टोरेंट में जेनरेटर प्रयोग में लाया जाता है तो उस पर साइलेंसर लगा होना चाहिए।
शहर की बात की जाए तो यहां होटलों व रेस्टोरेंट की संख्या का आंकड़ा 200 के करीब है। इसके अलावा देहाती इलाकों में भी काफी रेस्टोरेंट है। अधिकतर जगहों पर पार्किंग की व्यवस्था नहीं है।
जबकि NGT की गाइडलाइंस के तहत पार्किंग अनिवार्य है। अधिकतर होटलों व रेस्टोरेंट में शौचालयों की व्यवस्था भी बदहाल स्थिति में हैं। इसके अलावा ठोस व तरल कचरे के प्रबंधन का भी इंतजाम नहीं है।
ऐसे में यदि NGT अधिकारियों द्वारा गंभीरता से जांच की जाएं तो काफी होटल व रेस्टोरेंट के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा सकती हैं। NGT ने बयान जारी कर कहा है कि ठोस व तरल कचरे के प्रबंधन को लेकर हम गंभीर है इसलिए ही अब होटलों व रेस्टोरेंट के लिए नई गाइडलाइंस जारी की गई है।
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