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गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित हरियाणा झेल रहा गर्मी और बिजली संकट की डबल मार, ठप्प हुए पावर प्लांट

अभी तो गर्मी की शुरुआत ही हुई है, लेकिन पावर कट इतने ज्यादा हो रहे हैं कि लोग लोगों को जून-जुलाई की गर्मी याद आ गई इतने ज्यादा था। पावर कट होने की वजह से लोग भी परेशान हो रहे हैं। प्रदेश में बिजली की मांग पूरी नहीं हो पा रही है। जिस वजह से शहरों में 3 से 4 घंटे और गांव में 8 से 10 घंटे तक पावर के कट लगाए जा रहे हैं। यह गड़बड़ी प्रदेश के 3 बिजली संयंत्रों में खराबी आने के कारण और अडानी से बिजली सप्लाई नहीं मिलने के कारण आपूर्ति का शेड्यूल बिगड़ गया है। इस समय हरियाणा में बिजली की मांग 7623 मेगावाट से तक पहुंच गई है जबकि आपूर्ति केवल 6 हजार मेगावाट ही हो पा रही है। फिलहाल केंद्रीय पुल से 12 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीद कर काम चला रहा है। अगर जल्दी ही तीनों संयंत्र ठीक नहीं हुए तो बिजली संकट और भी ज्यादा बढ़ सकता है।

वहीं बात करें बिजली संयंत्रों की तो हिसार स्थित खेदड़ की यूनिट नंबर 1 (600 मेगावाट) और पानीपत की यूनिट नंबर 8 (210 मेगावाट) बंद चल रही है वही अदानी से 1421 मेगावाट बिजली भी नहीं मिल पा रही है बिजली संकट को देख हरियाणा सरकार के अधिकारियों की सांसें फूल रही है। इन संयंत्रों को ठीक कराने के लिए इंजीनियरों की टीम दिन रात काम पर लगी हुई है।

वहीं अडानी से बिजली आपूर्ति शुरू कराने को लेकर भी उच्चस्तरीय बैठकों का दौर जारी है। बिजली मंत्री रणजीत चौटाला और विभाग एसीएस पीके दास लगातार संयंत्र अधिकारियों से संपर्क साधे हुए हैं।

कोयले के रेट बढ़ने से फंसा पेंच

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले के रेट बढ़ने के चलते अडानी कंपनी हरियाणा को बिजली आपूर्ति नहीं कर रही है। कंपनी ने हरियाणा से 2035 तक 2.53 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से करार किया हुआ है। लेकिन पिछले साल से ही आपूर्ति नहीं हो पा रही है। कंपनी इसी रेट पर बिजली देने को तैयार है। लेकिन वह कोयले के बढ़े रेटों के लिए अलग से राशि चाहती है। इसी को लेकर पेंच फंसा हुआ है। 

इतनी है हरियाणा की उत्पादन क्षमता

बता दें कि प्रदेश में अब बिजली सप्लाई की क्षमता 12175 मेगावॉट है। हरियाणा बिजली उत्पादन निगम की तरफ से कुल 2372.40 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है इसमें पानीपत थर्मल प्लांट से 500 मेगावाट, राजीव गांधी थर्मल प्लांट खेदड़ से 1200 मेगावाट, दीनबंधु छोटूराम थर्मल प्लांट, यमुनानगर से 600 मेगावाट, पश्चिमी यमुना कैनाल से 62.4 मेगावाट और हाइड्रो पानीपत पावर प्रोजेक्ट से 10 मेगावाट सोलर का बिजली उत्पादन होता है।

इसके अलावा अडानी से 1421 मेगावाट बिजली के लिए अनुबंध है और शेष बिजली केंद्र से ली जाती है। प्रदेश में इस समय मात्र 1100 मेगावाट बिजली ही पैदा हो पा रही है। जिस कारण इन दिनों इतने ज्यादा पावर कट लगाए जा रहे हैं।

Rajni Thakur

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