गुरुग्राम शहर में सरकारी जमीन पर झुग्गी झोपड़ी डालने और अतिक्रमण की शिकायत भी मुख्यमंत्री के सामने उठाई गई। इसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने अपने अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण हटवाना सुनिश्चित करें और जनसुविधाओं के लिए दी गई जमीन को भी राजस्व रिकॉर्ड में विभाग या सरकार के नाम दर्ज करवाएं। उन्होंने सभी एजेंसियों को आपसी तालमेल से काम करने की हिदायत भी दी। सरस्वती कुंज सोसायटी में अवैध रूप से खाली प्लॉटों में और सड़क किनारे मलबा डालने की शिकायत की सुनवाई करने के दौरान गुरुग्राम शहर में सरकारी जमीन पर अवैध झुग्गियां पनपने और अतिक्रमण होने का विषय मुख्यमंत्री के सामने आया तो उन्होंने संपदा अधिकारी द्वितीय को एक महीने में अपने अधिकार क्षेत्र से अवैध कब्जे हटवाने की हिदायत दी।
संपदा अधिकारी ने बताया कि उन्होंने एक बार झुग्गी हटाने का अभियान चलाकर अतिक्रमण हटवाया था और अब वे फिर से अभियान चलाकर अतिक्रमण हटवाएंगे। मुख्यमंत्री ने सरस्वती कुंज सोसायटी के मामले में उसका सर्वे करवाकर चार दिवारी बनवाने के निर्देश प्रशासन को दिए हैं।
खाली प्लॉट में मलबा डालने के विषय में मुख्यमंत्री ने नगर निगम के अधिकारियों को इसके लिए पोर्टल बनाने की हिदायत देते हुए कहा कि उस पोर्टल पर मलबा पड़े होने की शिकायत मिलने पर नगर निगम निर्धारित फीस लेकर 24 से 48 घंटे में मलबे को उठवाकर निर्धारित स्थान पर डलवाए। बैठक में उपस्थित नगर निगम आयुक्त मुकेश आहुजा ने बताया कि मलबा उठाने के लिए हाल ही में आईएलएफएस कंपनी को ठेका दिया है जो अगले 7 दिन में काम शुरू कर देगी।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कुछ रास्तों पर सीसीटीवी कैमरों की मदद से अवैध रूप से मलबा डालने वालों पर निगरानी रखने के निर्देश देते हुए कहा कि उन क्षेत्रों में पुलिस पैट्रोलिंग बढ़ाएं तथा कोताही करने वालों के चालान करके जुर्माना लगाएं।
जल्द बंद होंगी यह दो ईकाइयां
गांव गाड़ौली खुर्द के आबादी क्षेत्र में दो औद्योगिक ईकाईयों से होने वाले प्रदूषण के मामले में मुख्यमंत्री ने तत्काल फैसला सुनाते हुए आज ही उन्हें बंद करने के आदेश दिए। इस मामले में हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने शिकायतकर्ता की शिकायत को सही बताते हुए कहा कि निरीक्षण करने पर पाया गया कि जीन्स और कपड़ों की धुलाई का कार्य करने वाली दो यूनिट वहां लगी हुई है जो पानी को प्रदूषित कर रही हैं।
ये यूनिट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आवश्यक अनुमति और स्वीकृति लिए बगैर ही अवैध रूप से संचालित हो रही हैं। दोनो ईकाइयों में एफुलयुएंट ट्रीटमेंट प्लांट भी नही लगे हुए हैं। इन ईकाइयों को क्लोजर नोटिस दिया गया है और नोटिस की अवधि समाप्त होने के बाद बंद करने की अनुमति मुख्यालय से प्राप्त की जाएगी। इस पर मुख्यमंत्री ने बैठक में ही इन अधिकारियों को दोनो ईकाइयों को बंद करने के आदेश दिए।
इसी प्रकार, गांव ग्वाल पहाड़ी में भी सड़क में गड्ढे होने तथा अप्रोच रोड़ पर बिल्डिंग मैटिरियल सप्लायरों का सामान पड़े होने की वजह से ना केवल रास्ता अवरूध रहता है बल्कि प्रदूषण भी होता है। वहां नजदीक भी गांव का स्कूल भी है।
इस शिकायत पर मुख्यमंत्री ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बिल्डिंग मैटिरियल सप्लायरों को नोटिस देकर प्रदूषण नियंत्रित करने के उपाय करने को कहें और यदि वे फिर भी बाज ना आएं तो उन्हें मैटिरियल डालने से रोकें। उन्होंने सड़क की मरम्मत करवाने के लिए नगर निगम गुरुग्राम के अधिकारियों को निर्देश दिए।
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