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आखिर बिगड़ गया रसोई का स्वाद, आसमान छू रहे तेल, आटे और दाल के दाम, ये रही लिस्ट

इस समय देश में महंगाई ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए हैं। हर चीज के दाम बढ़ते जा रहे हैं। सब्जियों से लेकर अनाज तक ने घर का बजट बिगड़ दिया है। पेट्रोल डीजल ने तो वैसे ही लोगों की जेब काट रखी है। अब तेल, आटा और दाल भी मिलकर लोगों की परेशानी बढ़ाएंगे। गैस और चाय पत्ती के रेट भी काफी बढ़ चुके हैं। मूलभूत सुविधाएं होने की वजह से लोगों की आधी सैलरी इन्हीं सब में चली जाती है। एक साल पहले जहां चार सदस्यों के परिवार का महीने का रसोई का खर्च 3 से 4 हजार रुपए तक आ जाता था। अब इसमें 15 से 20 दिन ही राशन चलता है।

अब रसोई का खर्च 5 से 6 हजार रुपए तक पहुंचा चुका है। यह बजट लगभग दोगुना हो चुका है। लेकिन आमदनी वहीं की वहीं। आमदनी बढ़ने की जगह हर चीज के रेट बढ़ रहे है। इसका सबसे ज्यादा असर मिडिल क्लास को हुआ है। लोग इस बढ़ती मंहगाई के कारण परेशान हैं। इस महंगाई के करने के कारण लोगों ने अपनी अपनी राय भी दी है।

चौधरी कॉलोनी के अजय कुमार का कहना है कि महंगाई ने पूरा बजट बिगाड़ दिया है। आमदनी उतनी नहीं बढ़ी है जितना खाद्य सामग्रियों के दाम। सब्जियों से लेकर तेल, दाल, आटा व सिलेंडर तक के दाम दोगुने हो गए हैं। मेरे परिवार में चार सदस्य हैं। छह महीने पहले तक तीन हजार रुपये में पूरे महीने का राशन आ जाता था। इसमें सब्जियां नहीं है। अब यही राशन पांच से छह हजार रुपये तक का आ रहा है।

महावीर कालोनी की डिंपल ने बताया कि उनके परिवार में सात सदस्य हैं। पहले पांच हजार रुपये में महीने भर का राशन आ जाता था। अब यह बजट बढ़कर नौ से दस हजार रुपये तक पहुंच चुका है। सब्जियों के दाम ऊपर नीचे होते रहते हैं। कभी महंगी सब्जियां खरीदनी पड़ती हैं, तो बजट और भी ज्यादा बढ़ जाता है। रसोई का हिसाब संभालना मुश्किल हो गया है।

रादौर के उमेश कुमार का कहना है कि महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन सैलरी में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। जिस वजह से यह महंगाई जेब पर भारी पड़ रही है। इसके सामने वेतन कम लगने लगा है। चार सदस्यों का परिवार है, रसोई का बजट पहले 3500 रुपये का था। अब यह बढ़कर छह हजार को पार कर चुका है।

रादौर के ही गुरमीत कौर ने बताया कि इन दिनों रसोई का पूरा बजट बिगड़ गया है। पहले महीने भर का राशन 2200 से 3000 रुपये के बीच आ जाता था। अब यह बढ़कर दोगुना हो गया है। कुछ भी बचत नहीं हो रही है। जिस महीने में सिलेंडर भरवाना होता है। उसमें बजट और अधिक बिगड़ जाता है। बच्चों का भी खर्च भी लगातार बढ़ रहा है।

एक साल पहले के और अब के दामों में जमीन आसमान का फर्क

सामग्री एक साल पहले अब प्रति किलो

तेल 85 185

दाल 80 130

आटा 180 260 प्रति पांच किलो

चाय पत्ती 180 280

दूध 45 60

गैस सिलेंडर 550 960

Rajni Thakur

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