हैफेड प्रदेश के आठ जिलों का गेहूं एमएमपी से अधिक कीमत पर खरीदकर विदेश भेजेगी। इन जिलों में सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी, कुरुक्षेत्र, पानीपत तथा करनाल शामिल है। उक्त जिलों से गेहूं के नमूने प्रयोगशाला में भेजे गए थे। हैफेड के तय मानकों पर पहले पांच जिलों का गेहूं खरा उतरा। हालांकि कुरुक्षेत्र, पानीपत तथा करनाल के कुछ नमूने गुणवत्ता के मामले में फिट बैठे। ऐसे में उक्त जिलों के गेहूं को भी निर्यात के लिए चुना गया। एजेंसी आठों जिलों से दो लाख टन गेहूं खरीद करेगी। एजेंसी ने प्रति क्विंटल 2040 रुपये का मूल्य तय किया है। जबकि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) प्रति क्विंटल 2015 रुपये है।
अब तक एजेंसी एफसीआइ (भारतीय खाद्य निगम) के लिए गेहूं खरीद करती थी। रुस-यूक्रेन युद्ध के कारण विश्व में गेहूं की मांग बढ़ गई। इस वजह से मूल्य भी बढ़ गए तो हैफेड ने व्यवसायिक खरीद करने का निर्णय लिया है।
तभी तो एजेंसी ने महज 72 घंटों में गेहूं का मूल्य 20 रुपये बढ़ा दिया। दो दिन पहले एजेंसी ने आदेश जारी करके गेहूं की खरीद प्रति क्विंटल 2020 रुपये करने के आदेश दिए थे। शनिवार को एकाएक 2040 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद करने के आदेश जारी हो गए। डबवाली के रिसालियाखेड़ा तथा बिज्जूवाली में व्यवसायिक खरीद की शुरुआत करते हुए 2000 क्विंटल गेहूं खरीद किया है।
यह मानक किए गए हैं तय
गुणवत्ता प्रतिशत
- नमी 12
- फोरिजन मेटीरियल 0.70
- प्रोटीन 12
- टूटा/सिकुड़ा 4
- क्षतिग्रस्त/डिस कलर 2
- कीट से क्षतिग्रस्त 1
परीक्षण वजन 78.00 किलोग्राम/एचएल
सीधे आढ़ती के खाते में जाएगी राशि
हैफेड गेहूं की व्यवसायिक खरीद शुरु करेगी। खरीदे गए गेहूं का निर्यात किया जाएगा। हमने कुछ मानक तय किए है। जिसके आधार पर प्रति क्विंटल 2040 रुपये गेहूं खरीदा जाएगा। खरीदे गए गेहूं को अच्छे तरीके से स्टोर किया जाएगा। रकम सीधी आढ़ती के खाते में जाएगी।