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इंजीनियरिंग का था ख्वाब, किस्मत ने खाई ऐसी पलटी कि हरियाणा में बने दिहाड़ी मजदूर, अब ऐसे कर रहे लाखों की कमाई

चलती का नाम ही जिंदगी है और जिंदगी में तो उतार चढ़ाव तो आते ही रहते हैं। कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता। आज के समय में हर चीज में कंपटीशन है। बिना मेहनत करे आप कुछ भी हासिल नहीं कर पाएंगे। इसलिए हमेशा मेहनत करते रहें और आगे बढ़ते रहे। अपनी गलतियों का दुख मनाने की जगह उससे सीखना चाहिए। और कुछ नया करने की इच्छा होनी चाहिए। जरूरी नहीं की हमेशा वही हो जो हम सोचते हैं। कभी कभी जिंदगी में हमारे लिए उससे भी अच्छा सोचा होता है। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताएंगे जिसने काफी मुश्किलों के बाद सफलता हासिल की है और आज वह कई लोगों की प्रेरणा भी बन चुके हैं इनका नाम हरविंद्र सिंह है और यह उत्तर प्रदेश के अमरोहा के रहने वाले हैं। जीवन में इन्होंने कई मुश्किलों का सामना किया। लेकिन कभी हार नहीं मानी और आज वह मछली पालन करके करोड़ों रुपए कमा रहे हैं।

उनके जीवन में एक समय ऐसा भी आया था जब गरीबी के कारण उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी और साथ ही मजदूरी भी करनी पड़ी बावजूद इसके हरविंद्र का मनोबल कभी कमजोर नहीं हुआ और इसी का नतीजा है कि आज वह करोड़ों की कमाई कर रहे हैं। साथ ही कई लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।

दरअसल हरवेंद्र का भी पढ़ाई में काफी मन था और वे पढ़ाई में ही अच्छा खासा प्रदर्शन करना चाहते थे। आज से कुछ साल पहले हरवेंद्र ने 12वीं के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने का मन बनाया। लखनऊ की संस्था में इसके लिए हरवेंद्र ने दाखिला भी ले लिया था। लेकिन ये संस्थान फर्जी निकला और हरवेंद्र के 50 हज़ार भी डूब गए। जिसके बाद तो हरवेंद्र के घर वालों ने भी उन्हें ताने मारना शुरू कर दिया। उनका परिवार भी अब हरवेंद्र से कमाई चाहता था।

दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम कर चलाया गुजारा

जानकारी के अनुसार जब हरवेंद्र की शादी हुई तो उनके लिए परिवार का खर्च चलाना भी काफी मुश्किल हो गया था। ऐसे में हरवेंद्र के बड़े भाई हरियाणा में गुरुद्वारे में काम कर रहे थे। अब हरवेंद्र भी हरियाणा अपने भाई के पास आ गए। यहाँ हरवेंद्र ने कम तलाशना शुरू कर दिया लेकिन उनके लिए ये भी आसान नहीं था। हरवेंद्र ने कई जगहों पर जाकर कम मांगा लेकिन बात नहीं बन पाई।

बता दें कि कई ठेकेदारों ने उन्हें काम के लिए मना किया तो कई ने फटकार लगाकर भागा दिया। लेकिन बाद में उन्हें एक ठेकेदार ने 100 रूपये रोजाना के हिसाब से मजदूरी पर रख लिया। कुछ समय तक हरवेंद्र ने इसी तरह से अपना खर्च चलाया। लेकिन इतनी कम कमाई में घर चलाना काफी मुश्किल हो गया था और वे भी अब कुछ अलग करना चाहते थे।

ऐसे शुरू किया मछ्ली पालन

दरअसल 2016 में हरवेंद्र के बड़े भाई को लगा कि गुरुद्वारे में काम करके घर नहीं चलाया जा सकता। ऐसे में उनके भाई घर वापस आए और मछ्ली पालन करना शुरू कर दिया। धीरे धीरे ही उन्होंने पॉन्ड की संख्या बढ़ाना शुरू किया। वहीं हरवेंद्र को भी उनके भाई ने गाँव बुला लिया और दोनों भाइयों ने मिलकर काम करना शुरू कर दिया। हालांकि ये काम करने के लिए भी उन्हें मुश्किलें आई।

सबसे पहले तो दोनों को घर में ही विरोध का सामना करना पड़ा। मछ्ली पालन करना ऊंची जाती वालों के लिए उनके गाँव में सही नहीं माना जाता था। ऐसे में उनके पिता भी इस काम के लिए तैयार नहीं थे और इसके लिए हरवेंद्र को भी खूब ताने पड़े। लेकिन दोनों भाइयों ने हार नहीं मानी और अपने काम पर ही ध्यान दिया। सबसे पहले लीज़ पर जमीन लेकर तालाब बनाया और काम शुरू किया।

इसी काम से हो रही है करोड़ो की कमाई

बता दें कि उन्हें लीज़ पर लिए तालाब से अच्छा खासा मुनाफा हुआ ऐसे में उनके पिता को भी बच्चों के काम पर विश्वास हो गया और अब घर की जमीन को ही तालाब में बदलने की इजाजत भी मिल गई। 4 एकड़ से शुरू हुआ ये काम आज 16 एकड़ जमीन में किया जा रहा है। इससे उन्हें सालना 2 करोड़ तक की कमाई भी हो रही है।

मछली का सीड कोलकाता से मंगवाया जाता है। वहीं इसका फीड वे आंध्रप्रदेश से लेते हें। आज कई लोग इस काम की ट्रेनिंग हरवेंद्र से ले रहे हैं। हालांकि ये काम भी आसान नहीं होता है और इसमें कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। आज दोनों भाई मिलकर इस काम को अच्छे से कर रहे हैं और अच्छी ख़ासी कमाई भी कर रहे हैं।

Rajni Thakur

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