प्रदेश में लगभग हर युवा शराब पीने लगा है। कोई टेंशन का नाम लेकर तो कोई कुछ। युवाओं में लगातार शराब का क्रेज बढ़ता जा रहा है, शहरों में तो खासकर। लेकिन्नेब तो गावों में भी लोग शराबबंदी के लिए दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। गत वर्ष जिले की सिर्फ दो पंचायतों ने और इस बार तो केवल एक ही ग्राम पंचायत ने शराबबंदी का प्रस्ताव भेजा है। 11 मई को शराब ठेकों का वर्तमान वित्तीय सत्र समाप्त हो जाएगा। बता दें कि इस समय जींद में लगभग 104 शराब के ठेके हैं। वहीं 180 उप ठेके चल रहे हैं।
साल 2019 में डिप्टी सीएम और आबकारी एवं कराधान विभाग के मंत्री का पद संभालते ही दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि प्रदेश के उन गांवों में शराब ठेके नहीं खोले जाएंगे जिन गांवों की पंचायत अपने यहां शराब ठेका नहीं खोले जाने का प्रस्ताव सरकार को भेजेगी।
ऐसे प्रस्ताव ग्राम पंचायत के अलावा ग्राम सभा भी भेज सकती है। उस साल तो 100 से ज्यादा ग्राम पंचायतों ने शराबबंदी के प्रस्ताव भेजे लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे पंचायतों की दिलचस्बी कम हो गई।
पिछले साल केवल बहबलपुर और लोहचब की ग्राम पंचायत ने ही शराबबंदी का प्रस्ताव पास कर विभाग के पास भेजा था। इसमें भी लोहचब का प्रस्ताव विभाग के नियमों के अनुसार नहीं था और बहबलपुर में तकनीकी कारणों से शराब ठेका बंद नहीं हो पाया था।
कार्यकारी डीईटीसी कंवल नैन ने बताया कि गांव रामकली सहित कुछ ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव आए हैं, वह रिकार्ड देखकर बताएंगे। शराब ठेकों का वर्तमान वित्तीय सत्र 11 मई को समाप्त हो रहा है। इसके बाद विभाग के मुख्यालय से जो भी आदेश आएंगेए उसी अनुसार निर्णय लिया जाएगा।
हरियाणा को खिलाड़ियों की भूमि कहा जाता है। देश में सबसे ज्यादा पदक हरियाणा के…
आप सभी जानते ही हैं अब चुनाव का विगुल बज चुका है। सभी पार्टियों ने…
जब भी जनहित की बात आती है, तो हरियाणा सरकार कई बदलाव करते हुए नजर…
UPSC Results: ब्राजील से अपने माता-पिता को छोड़ एक लड़की UPSC की परीक्षा में सफलता…
हरियाणा सरकार जनता के लिए हमेशा कुछ ना कुछ अच्छा करती रहती है। जिससे कि…