देश की आजादी के 75 साल पूरे हो चुके हैं। इसी उपलक्ष्य में देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इसी खुशी में केंद्र सरकार ने हरियाणा को बड़ा तोहफा दिया है। जल्दी ही प्रदेश के तीन शहरों को निर्यात हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे प्रदेश के लोगों का भी बहुत फायदा होगा। ये तीनों ही शहर हरियाणा के पुराने औद्योगिक शहर हैं और यहां निर्यात की संभावनाएं बहुत ही ज्यादा हैं। क्लस्टर बनाकर निवेशकों को इसके लिए आकर्षित किया जाएगा। केवल हरियाणा में ही नहीं बल्कि देशभर से 75 शहरों को केंद्र सरकार निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए चुना है।
हरियाणा के यह तीन शहर हैं फरीदाबाद, पानीपत और गुरुग्राम, जो आज के समय में औद्योगिक हब के रुप में अपनी पहचान बना चुके हैं। इन तीन शहरों में औद्योगिक गतिविधियों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।
सरकार ने पानीपत को हस्त निर्मित कारपेट और कपड़ा, गुरुग्राम को इंजिनियरिंग सामान और सेवा क्षेत्र (बीपीओ) तथा फरीदाबाद को वाहनों के उपकरण और इंजिनियरिंग सामान में निर्यात हब के रुप में तैयार करने के लिए पूरी योजना तैयार कर ली गई है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय की ओर से इन चुने हुए शहरों को औद्योगिक विशेषताओं के आधार पर निर्यात हब बनाने की रणनीति बनाई गई है। पानीपत, गुरुग्राम और फरीदाबाद हरियाणा के पुराने औद्योगिक शहर हैं जहां निर्यात की अपार संभावनाएं हैं।
यहां प्रदेश सरकार की मदद से न केवल बड़े उद्योगों, बल्कि स्थानीय लघु एवं कुटीर उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन पैकेज दिया जाएगा ताकि वो अंतराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर सकें।
सरकार ने दिए स्पष्ट निर्देश, अफसरों की होगी जवाबदेही
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल के रीजनल डायरेक्टर राकेश सूरज ने कहा कि केंद्र सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि इन चयनित जिलों को निर्यात हब के रूप में तैयार करने के लिए सकारात्मक परिणाम चाहिए। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर अफसरों की जवाबदेही भी तय की गई है। केंद्र और प्रदेश सरकार मिलकर उद्योगों के लिए क्लस्टर बनाकर विभिन्न तरह की सुविधाएं मुहैया कराएंगी ताकि निवेशकों को यहां आकर्षित किया जा सके।
तेजी से चल रही यह योजना
हरियाणा सरकार लगातार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही है। अब मनोहर सरकार ने ‘वन डिस्ट्रिक-वन प्रोडक्ट’ योजना से आगे बढ़ते हुए ब्लाक स्तर पर ‘वन ब्लाक-वन प्रोडक्ट’ योजना को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। इससे छोटे उद्योगों को संबल मिलेगा। इन सभी खंडाें में 50-50 एकड़ के औद्योगिक क्लस्टर बनाए जाएंगे इससे स्थानीय लघु उद्योगों को नई पहचान मिलेगी।
इन औद्योगिक क्लस्टरों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए सुविधाओं से युक्त वन स्टॉप सेंटर (One Stop Centre) होगा जहां पैकेजिंग, शिपिंग आदि की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस तरह छोटे उद्यमी गांव में बनने वाले अपने उत्पादों को आसानी से विदेश में बेच सकेंगे।
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