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शरीर पर लगी चोट ने बदल दी हरियाणा के इस खिलाड़ी की जिंदगी, ऐसे बना विश्व चैंपियन

कबड्डी के खेल की तरह जिंदगी कब पलटी खा जाए कोई नहीं जानता। खेल में जिस तरह एक पॉइंट से हर और जीत का फैसला होता है उसी तरह जिंदगी में भी एक फैसला या चोट पूरी जिंदगी बदल के रख देता है। हरियाणा के बॉडी बिल्डिंग चैंपियन रामनिवास मलिक की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। वह हरियाणा के नांगल खेड़ी के वाले हैं। उनके किसान पिता का सपना था की बेटा हरियाणा स्टाइल कबड्डी का स्टार रेडर बने लेकिन किस्मत ने उनके लिए कुछ और ही सोचा था।

बता दें कि रामनिवास के पिता चांदराम मलिक का हमेशा से एक ही सपना था की बेटा हरियाणा स्टाइल कबड्डी में स्टार रेडर बने और परिवार का नाम रोशन करे। पिता के बताए रास्तों पर चलते हुए उन्होंने कबड्डी खेलना शुरू किया और जिला स्तर पर मेडल भी हासिल किया। लेकिन एक दिन खेलते-खेलते उन्हें चोट लग गई।

इस घटना के बाद वह टूट गए थे, तब पिता ने हौसला बढ़ाया और कुछ दिन तक आराम किया। फिर उसके बाद दोस्तों ने बॉडी बिल्डिंग को अपनाने की सलाह दी। और यहीं से उनका बॉडी बिल्डिंग में सफर शुरू हुआ। विश्व व एशिया में स्वर्ण पदक जीतने के साथ-साथ उन्होंने पांच बार मिस्टर इंडिया का भी खिताब जीता।

बॉडी बिल्डिंग के बूते उनको रेलवे में TTE की नौकरी भी मिली। अब तीन साल बाद वापसी करते रामनिवास ने देश के 18 नामचीन बॉडी बिल्डरों को पछाड़ते हुए हिमाचल के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में हुई नेशनल बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में 100 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता। अब वह अक्टूबर में मंगोलिया में होने वाली विश्व बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप की तैयारी में जुटे हुए हैं।

रेलवे में चीफ ऑफिस सुपरिटेंडेंट के पद पर तैनात रामनिवास ने बताया कि शुरुआत में उन्हें बॉडी बिल्डिंग थोड़ा अटपटा लगा। लेकिन धीरे-धीरे जब उन्होंने राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते और सरकारी नौकरी मिली तो उन्हें इस खेल में सफलता हासिल करने का जुनून हो गया। अब उनका लक्ष्य देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना है। इसके लिए वह यूपी के गाजियाबाद में हर रोज सुबह-शाम आठ घंटे अभ्यास कर रहा है।

जाने क्या है चैंपियन की खुराक

रामनिवास ने बताया कि खेलों में सफलता पाने के लिए जीभ का स्वाद बदलना पड़ता है। रोड साइड मिलने वाले चटपटी चीज का त्याग करके ही सफल हो सकते हैं। प्रतियोगिता से दो तीन महीने पहले ही वह मिठाई और ताली हुई चटपटी चीज़ें खाना बंद कर देते हैं। साथ ही दूध का सेवन भी बंद कर देते हैं। वह रोजाना डेढ़ किलो चिकन, एक किलो मछली, 40 अंडे, जूस, दाल और फल खाते हैं।

पहले जिससे हारे, बाद में उसी को हराया

रामनिवास ने बताया कि उन्होंने 2017 में मिस्टर इंडिया बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में अपने वर्ग में स्वर्ण पदक जीते। लेकिन ओवर ऑल खिताब में महाराष्ट्र के सुनीत जाधव से हार गए लेकिन जिद थी कि खिताब जीतना है। 2018 में सुनीत जाधव को हराकर मिस्टर इंडिया का खिताब जीता।

प्राप्त किए इतने पदक

  • विश्व बाडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण व रजत पदक।
  • एशियन बाडी बाडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण।
  • आल इंडिया यूनिवर्सिटी में चार स्वर्ण पदक।
  • पांच बार मिस्टर इंडिया खिताब जीता।
  • नार्थ इंडिया चैंपियनशिप दो स्वर्ण पदक।
Rajni Thakur

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