भगवान को तो कभी किसी ने नहीं देखा लेकिन अगर कोई परेशानी में हो तो कहते हैं भगवान उसके पास अपना फरिश्ता भेजते हैं। हरियाणा के पानीपत में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जहां एक कलयुगी मां ने अपनी नवजात बच्ची को झाड़ियों में फेंक कर चली गई और इस बच्ची के लिए फरिश्ता बनकर आई समलखा की छवि। उसका कहना है कि वह इस बच्ची को गोद लेकर अपने बेटी की तरह प्यार देना चाहती है। मां और बच्चे का रिश्ता तो बहुत ही अनमोल होता है तो फिर कैसे एक मां अपने बच्चे को साथ ऐसा कर सकती है। कैसे एक मां अपने बच्चे को बेसहारा लावारिस हालत में छोड़ सकती है। चाहे कितनी ही मजबूरी क्यों ना हो। लेकिन मां को अपने बच्चे के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए।
छवि का कहना है कि केवल बच्चे को जन्म देने वाली महिला मां नहीं कहलाती बल्कि उसका पालन पोषण करने वाली महिला भी मां से कम नहीं होती। जो मां अपने बच्चे को पाल-पोस नहीं सकती उसे बच्चे को जन्म देने का भी कोई अधिकार नहीं है। उसके साथ-साथ उसका पति मोहित भी इस बच्ची को गोद लेना चाहते हैं।
बता देगी इस दंपत्ति का एक लड़का है पति पत्नी का कहना है कि अगर घर में बच्ची आ जाएगी तो उनकी फैमिली पूरी हो जाएगी। वह इस बच्ची को माता पिता का प्यार देंगे। अपने पहले बच्चे की तरह ही उससे प्यार करेंगे।
बता दें कि मोहित पानीपत सेक्टर 29 में एक फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड है। पानीपत से अक्सर ऐसी खबरें सामने आती हैं कि भ्रूणहत्या या नवजात बच्चियों को उनकी मां फेंककर चली जाती है। लेकिन इस महिला ने इंसानियत और मां की ममता की एक मिसाल पेश की है। हर किसी के लिए छवि एक बड़ा उदाहरण है।
हरियाणा के पानीपत से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी लेकिन जिस धरती पर बेटियों के साथ ऐसा सुलूक किया जा रहा है यह किसी से छुपा नहीं है ऐसा लगता है जिस धरती से अभियान शुरू हुआ उसी धरती पर ऐसे मामले सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं।
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