दिल्ली में लगातार प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है जिससे आम जन स्वास्थ्य इसके चपेटे में आता नज़र आ रहा है। सर्दियों में स्मॉग से लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। इसे नजरंदाज ना करते हुए Delhi Government ने इस पर Objection किया है, और बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम को लेकर कड़ा फैसला किया है। चलिए जानिए क्या है दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला
दिल्ली सरकार ने बीते दिनों हरियाणा सहित अन्य राज्यों को सर्दियों के दौरान पुरानी डीजल बसें दिल्ली न भेजने के लिए पत्र लिखा था।हरियाणा रोडवेज की पुरानी बसें सर्दियों में दिल्ली नहीं जाएंगी।
बीएस-4 मानक की बसें प्रदूषण फैलाने की श्रेणी में आ चुकी हैं। इसे देखते हुए परिवहन विभाग बीएस-6 बसें ही राष्ट्रीय राजधानी में भेजेगा।
दिल्ली सरकार के आपत्ति जताने के बाद यह निर्णय लिया गया है।परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। दिल्ली सरकार ने बीते दिनों हरियाणा सहित अन्य राज्यों को सर्दियों के दौरान पुरानी डीजल बसें दिल्ली न भेजने के लिए पत्र लिखा था। उस पर विचार करते हुए सरकार पुरानी डीजल बसों को प्रदेश में ही चलाएगी।
जानकारी के अनुसार रोडवेज के पास बीएस-4 मानक वाली 2000 बसें हैं जिनमें से ज़्यादातर बसों ने अपना बुक वैल्यू पूरा कर लिया है। लेकिन अब इन बसों को दिल्ली में नहीं चलाया जा सकेगा। सर्दियों में दिल्ली में सिर्फ बीएस-6 मानक वाली बसो को ही एंट्री मिलने वाली है। इससे दिल्ली में प्रदूषण को रोकने में काफी मदद मिलने वाली है।
हरियाणा रोडवेज इंजीनियरिंग कारपोरेशन में 809 नई बीएस-6 बसें बनाने का काम चल रहा है। 105 टाटा और 124 लेलैंड कंपनी की चेसिज आ चुकी हैं,
जिनमें से 21 लेलैंड और 5 टाटा बसें डिपो को भेज दी गई हैं। टाटा की एक बस पंचकूला, 4 अंबाला, लेलैंड की 4 बसें भिवानी, 6-6 चरखी दादरी और गुरुग्राम, 5 रोहतक डिपो को मिली हैं।
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