अश्विन शुक्ल दशमी को मनाया जाने वाला दशहरा हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है. इस अवसर पर भगवान श्रीराम ने अभिमानी रावण को परास्त कर विजय का ध्वज फहराया था. दशहरा या विजयदशमी का त्योहार असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है. यह पर्व वीरता का उपासक है, भारतीय संस्कृति की वीरता की पूजा है. दशहरा का पर्व इसलिए रखा गया है ताकि व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो. वहीं पानीपत में इस साल दशहरा त्योहार पर रंगारंग आतिशबाजी देखने लायक होगी
क्लब अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया है कि इस आयोजन की सफलता को लेकर सदस्यों के बीच कृष्णा क्लब दशहरा समिति की बैठक हुई थी. उनके बीच सहमति भी हो गई है. इस वर्ष भी क्लब द्वारा हरियाणा के सबसे बड़े पुतलों का निर्माण किया जा रहा है.
सदस्यों ने आपसी सहमति से निर्णय लिया है कि दशहरा कार्यक्रम सेक्टर-12 कटारिया भूमि में धूम- धाम से मनाया जाएगा. इस दौरान सुरक्षा पर खास निगार्ंक रखी जाएगी कड़ी रहेगी. 40 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद मुस्लिम कलाकार सादिक और उनकी टीम द्वारा पुतले को पूरा किया जाएगा. लंकापति रावण के पुतले 90 फीट, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले 85 फीट के होंगे. वही रावण दहन के समय रावण के नेत्रों से अग्नि की वर्षा होगी.
सुरेश गुप्ता ने बताया कि इस आयोजन को मेला बनाने के लिए राजस्थान के ढोल वादकों को भी बुलाया गया है. वहीं अजय सिंगला ने कहा कि कटारिया भूमि में पुतलों का निर्माण 10 दिनों से किया जा रहा है .महेश नारंग ने बताया कि क्लब को रावण दहन के समय 110 हनुमान सभाओं के उपस्थित रहने की सहमति मिल गई है. ये सभाएं अपने दल बल और हनुमान रूपों के साथ मेले का गवाह बनेंगी और जय श्री राम का जाप करेंगी. मेले का सबसे सुंदर आकर्षण हनुमान रूपों की चुनौती मानी जाती है. वहीं युवा अध्यक्ष नवनीत जैन और अधिवक्ता कमल दुआ ने कहा कि आगंतुकों की सुरक्षा के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं.
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