एचएयू के कृषि मेले में दिखा इम्यूनिटी बढ़ाने वाला नीला आलू, हिसार किसानों ने खूब दिखाई रुचि

आलू की कुफरी नीलकंठी किस्म में हरियाणा के किसान भी रुचि दिखा रहे हैं। हरियाणा में आलू तकनीक केंद्र करनाल किसानों को इसके लिए तैयार कर रहा है। हाल ही में सिरसा की महिला किसान वसुधा बंसल ने गांव डिंगमंडी स्थित अपने फार्म पर नीलकंठी आलू की खेती की है।

आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है जो की हर मौसम में मिलता है।भारत में आलू ज्यादातर लोगों की प्रिय सब्जी है। आलू को किसी भी सब्जी के साथ मिलाया जा सकता है। केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र शिमला (सीपीआइआर) तैयार विकसित आलू की कुफरी नीलकंठी किस्म में हरियाणा के किसान भी रुचि दिखा रहे हैं। हरियाणा में आलू तकनीक केंद्र, करनाल किसानों को इसके लिए तैयार कर रहा है। हाल ही में सिरसा की अंबेडकर चौक निवासी महिला किसान वसुधा बंसल ने गांव डिंगमंडी स्थित अपने फार्म पर नीलकंठी आलू की खेती की है।

नीले रंग का आलू

यह आलू दिखने में नीले रंग का होता है और हरियाणा की जलवायु के हिसाब से पूरी तरह अनुकुल है। हालांकि लोग अभी इसको लेकर जागरूक कम है मगर आने वाले समय में यह आलू हरियाणा की मार्केट में दिखने लगेगा। इस आलू की खास बात यह है इसमें एंटी आक्सीडेंट के गुण होते हैं, जो हमारे शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं। इसके अलावा इन आलुओं में कार्बेाहाइड्रेट की मात्रा कम होती है जो डायबिटिज में भी खाए जा सकते हैं। यह आलू की किस्म 90 दिनों में तैयार हो जाती है और इसमें पांच से बार सिंचाई करनी पड़ती है।

सही मार्केेटिंग की जरूरत : डा. पूजा

अंतरराष्ट्रीय आलू तकनीकी केंद्र दक्षिण अमेरिका के पेरू में है। भारत में नई दिल्ली में इनका केंद्र हैं। यहां की विज्ञानी डा. पूजा ने बताया कि सीपीआइआर द्वारा तैयार विकसित आलू की कुफरी नीलकंठी का ट्रायल हमने हरियाणा में शुरू कर दिया है। अभी प्रदेश के 30 किसान इसे उगा रहे हैं। सिरसा की महिला किसान ने बीज के लिए इस किस्म को उगाया है। अभी इस आलू की मार्केटिंग काफी कम हुई है। सुपर मार्केेट में तो यह आलू हाथो हाथ बिक जाएगा मगर किसानों को असली फायदा तब होगा जब लोग इसकी डिमांड करेंगे। अभी आलू लगाने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है।

एचएयू के कृषि मेले नीले आलू में दिखी दिलचप्पी



हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में कृषि मेले के दौरान आलू की इस किस्म को प्रदर्शित किया गया। इस नीले रंग को आलू को देखने के लिए किसानों की भीड़ लगी रही। महिला किसान वसुधा बंसल ने एचएयू के सहयोग से स्टाल मेले में लगाई। हाथो हाथ किसान इस आलू को ले गए।

स्कूल खोला मगर मन में बागवानी के प्रति जुनून था



महिला किसान वसुधा बंसल का शुरू से ही बागवानी के प्रति लगाव रहा है। इनकी डिंग मंडी गांव में 50 एकड़ जमीन है जहां से अपने पति के साथ मिलकर खेती करती हैं। इनके आम, किन्नू, मौसमी और पपीता के बाग भी हैं। अभी इन्होंने 15 एकड़ में आलू उगाया था। यह अपने फार्म में बीजों का उत्पादन करती हैं ताकि सही बीज किसानों तक पहुंच सके। वसुधा का कहना है कि पंजाब और उत्तरप्रदेश से आलू के बीज के लिए डिमांड आ रही है। वसुधा ने अपने बाग में लखनऊ का आम लगाया है। इन्होंने आम्रपाली, अंबिका और अरूणिका किस्म के आम बाग में लगाए हैं।

Anila Bansal

I am the captain of this ship. From a serene sunset in Aravali to a loud noisy road in mega markets, I've seen it all. If someone asks me about Haryana I say "it's more than a city". I have a vision for my city "my Haryana" and I want people to cherish what Haryana got. From a sprouting talent to a voice unheard I believe in giving opportunities and that I believe makes a leader of par excellence.

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